Home Dharma देवउठान एकादशी कब है? चार महीने बाद योग निद्रा से जागेंगे भगवान...

देवउठान एकादशी कब है? चार महीने बाद योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु, मंगल कार्यों का होगा शुभारंभ

0


Dev Uthani Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में सभी एकादशियों में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन चार महीने के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और पुनः सृष्टि का संचालन संभालते हैं. देवउठनी एकादशी को देवउथान एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन चातुर्मास की समाप्ति होती है, जिससे शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ आदि मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. आइए, देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि इस वर्ष देवउथान एकादशी कब है.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत में बताया कि एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. भगवान विष्णु हरिशयन एकादशी के दिन योग निद्रा में चले जाते हैं और नवंबर माह की एकादशी पर योग निद्रा से जागते हैं, जिसे देवउथान एकादशी कहा जाता है. इस साल देवउथान एकादशी 12 नवंबर को पड़ रही है. इस दिन व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है.

कब शुरू हो रही है एकादशी तिथि
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर 2024 को शाम 6:54 बजे से शुरू होकर 12 नवंबर 2024 को रात 7:28 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, देवउथान एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा.

इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरिशयन एकादशी के बाद भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. देवउथान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के जागने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं. इस साल 12 नवंबर को देवउथान एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी, और विवाह के शुभ मुहूर्त 16 नवंबर से शुरू हो रहे हैं. नवंबर और दिसंबर में विवाह के लिए कुल 18 शुभ लग्न हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version