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बेहद खास हैं रमजान में जागने वाली ये 5 रातें, 1 रात में मिलता है इतने साल का सवाब!

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Aligarh: रमजान महीने में कुछ रातें ऐसी होती हैं जिनमें जागने का खास महत्व है. मान्यता है कि इन रातों में जागकर अल्लाह की इबादत करने से सारे गुनाहों की माफी मिल जाती है.

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बहुत खास हैं रमजान में जागने वाली ये 5 रातें, 1 रात में मिलेगा इतने साल का सवाब

हाइलाइट्स

  • रमजान की 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं रातें खास होती हैं.
  • इन रातों में इबादत करने से गुनाहों की माफी मिलती है.
  • शब-ए-क़द्र की रात हजार महीनों से बेहतर मानी जाती है.

अलीगढ़. रमज़ान इस्लाम में सबसे पवित्र महीना है, जिसे रहमत, मग़फिरत और जहन्नम से निजात का महीना कहा जाता है. इस महीने में रोज़े रखने, इबादत करने और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगने की खास अहमियत होती है. खासतौर पर रमज़ान की वे रातें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, जिन्हें जागने वाली रातें कहा जाता है. इन रातों में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी रात इबादत करते हैं, तिलावत-ए-कुरआन, तस्बीह, दुआ और नफ्ल नमाज़ अदा करते हैं, ताकि अल्लाह की रहमत और बख्शिश हासिल कर सकें.

हजारों महीनों से बेहतर
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इफराहीम हुसैन बताते हैं कि इन रातों में से एक रात शब-ए-क़द्र कहलाती है, जिसे कुरआन में हज़ार महीनों से भी बेहतर बताया गया है. इस रात में अल्लाह की खास रहमत बरसती है, फरिश्ते ज़मीन पर उतरते हैं और लोगों की दुआओं को कुबूल किया जाता है. इसलिए 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं रातों को जागकर इबादत की जाती है, ताकि शब-ए-क़द्र को पाया जा सके.

मिलती है गुनाहों की माफी
मौलाना इफराहीम हुसैन बताते हैं कि इन रातों में इबादत करने से गुनाहों की माफी मिलती है और तक़दीर के फैसले लिखे जाते हैं. यही वजह है कि इन रातों में अधिकतर लोग रातभर जागकर नमाज़ पढ़ते हैं, अल्लाह का ज़िक्र करते हैं और गुनाहों से तौबा करते हैं. कई लोग इस दौरान एतेकाफ़ में बैठते हैं, यानी मस्जिद में रहकर पूरी तरह से इबादत और अल्लाह की बंदगी में समय बिताते हैं.

ताकि मिले अल्लाह की रहमत
मौलाना ने बताया कि हदीसों में भी इन रातों में इबादत करने की बहुत फज़ीलत बताई गई है. हज़रत मुहम्मद ने फ़रमाया कि जो शब-ए-क़द्र की रात में ईमान और सवाब की नीयत से इबादत करेगा, उसके सारे पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे. इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग रमज़ान के इन आखिरी दिनों में खासतौर पर जागकर इबादत करते हैं, ताकि अल्लाह की रहमत और बरकतों से भरपूर हो सकें. ये रातें अल्लाह की तरफ से एक इनाम हैं, जिनमें हर इंसान को अपने गुनाहों की माफी मांगने और नेकियों की तरफ लौटने का बेहतरीन मौका मिलता है.

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बेहद खास हैं रमजान में जागने वाली ये 5 रातें, 1 रात में मिलता है सालों का सवाब

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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