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हनुमान जी को किसने भेजा था लंका जलाने का अलौकिक संदेश, जानें कैसे हुआ रावण का घमंड चूर-चूर

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Ramayana Katha: ये बात हर कोई जानता है कि हनुमान जी ने रावण की लंका में आग लगा कर उसके घमंड को चूर चूर कर दिया था लेकिन लंका में आग लगाने का संदेश उन्हें किसने दिया. इस प्रसंग में हनुमानजी का पराक्रम, बुद्धि और…और पढ़ें

हनुमान जी को किसने भेजा था लंका जलाने का अलौकिक संदेश? जानें

रामायण कथा

हाइलाइट्स

  • हनुमान जी ने लंका में आग लगाई और रावण का घमंड चूर किया.
  • हनुमान जी को त्रिजटा के स्वप्न से लंका जलाने का संकेत मिला.
  • रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया.

Ramayana Katha: हनुमानजी जब लंका पहुंचे, तो उन्होंने माता सीता से मुलाकात की और रावण की सेना से संघर्ष किया. उस दौरान हनुमानजी ने अपनी पूंछ से लंका को आग लगा दी, यह हिंदू धर्म के सबसे रोमांचक और प्रभावशाली प्रसंगों में से एक है. हनुमानजी ने रावण के अहंकार को तोड़ा और भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति साबित की. इस प्रसंग में हनुमानजी का पराक्रम, बुद्धि और भगवान राम के प्रति निष्ठा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.

हनुमान जी जब पहुंचे लंका
जब हनुमानजी लंका पहुंचे तो सबसे पहले उनके कानों में श्रीराम नाम की ध्वनि पड़ी. यह सुनकर वे अत्यंत आश्चर्यचकित हुए. उन्होंने विभीषण से भेंट की और उन्हें रामभक्त पाया. इसके बाद अशोक वाटिका में माता सीता को देखा माता सीता की दासी त्रिजटा से बातचीत करते हुए हनुमानजी ने सुना कि त्रिजटा ने एक सपना देखा था जिसमें सोने की लंका जल रही थी. यह सुनकर हनुमानजी को लगा कि यह संयोग नहीं, बल्कि भगवान राम का संकेत है.

माता सीता से हनुमान की मुलाकात
हनुमानजी को यह भी पता चला कि लंका दहन से देवी पार्वती का शाप भी जुड़ा था. अब हनुमानजी को स्पष्ट हो गया था कि भगवान राम उन्हें क्या संदेश देना चाहते हैं. लेकिन लंका में आग लगाने के लिए तेल या अग्नि का कोई साधन नहीं था. इसी बीच हनुमानजी ने माता सीता से मुलाकात की.

माता सीता से मिलने के बाद हनुमानजी अशोक वाटिका में घूमने लगे. लंका के सैनिकों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. इसके बाद मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया. हनुमानजी ने ब्रह्मास्त्र का सम्मान करते हुए खुद को पेड़ से टकरा दिया.

हनुमान जी की पूंछ में आग
लंका की राजसभा में ले जाकर हनुमानजी को मृत्युदंड देने का निर्णय लिया गया. विभीषण ने हस्तक्षेप किया और रावण को समझाया कि एक दूत के साथ ऐसा व्यवहार करना उचित नहीं है. रावण ने हनुमानजी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया.

लंका में लगाई आग
हनुमानजी ने पूरे वेग से उड़कर पूरी लंका में आग लगा दी. इस प्रकार हनुमानजी ने भगवान राम के आदेश का पालन करते हुए लंका को जला दिया और रावण के अहंकार को चूर-चूर कर दिया.

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