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अगर कोई जगह श्रद्धा, आस्था और चमत्कारों का साक्षी है, तो वह है ग्राम कोडका में स्थित प्राचीन महामाया मंदिर. मान्यता है कि ये 200 साल से भी ज्यादा पुराना और सिद्ध शक्तिपीठ है, जहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होत…और पढ़ें
प्राचीन मंदिर
ग्राजनांदगांव – राम कोडका में स्थित महामाया मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि ये मंदिर 200 साल से भी अधिक पुराना है और रियासत काल से यहां पूजा-अर्चना हो रही है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मां महामाया के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और मनोकामना पूरी होने की मन्नत मांगते हैं.
खैरागढ़ जिले में स्थित ऐतिहासिक मंदिर
नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम कोडका में ये मंदिर स्थित है. मंदिर की ऐतिहासिकता को लेकर स्थानीय नागरिक नारद राम वर्मा का कहना है कि ये 300 साल से भी पुराना हो सकता है, क्योंकि उनके दादा-परदादा भी इस मंदिर को जानते थे.
विशेष पर्वों पर भक्तों का तांता
नवरात्रि के दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु मां महामाया के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान भजन-कीर्तन और जोत-जवारा की स्थापना भी की जाती है.
राज्यभर से आते हैं श्रद्धालु
मंदिर में दर्शन करने पहुंचे पूरन पटेल ने बताया कि वे बचपन से इस मंदिर में आ रहे हैं और यहां हर मनोकामना पूर्ण होती है. वहीं, कुटिली खुर्द से आए धीरज कुमार पटेल ने कहा कि ये मंदिर बहुत पुराना है और यहां आने वाले भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है.
रियासत काल से चली आ रही परंपरा
इस मंदिर की रियासत काल से विशेष मान्यता रही है. खैरागढ़-छुईखदान रियासत के समय से यहां नियमित रूप से मां महामाया की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मन्नत पूरी होने पर भक्त विशेष अनुष्ठान कर माता की आराधना करते हैं.
महामाया मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है. यहां आने वाले भक्त मां महामाया की कृपा से अपनी हर मनोकामना पूर्ण होते हुए महसूस करते हैं.
Rajnandgaon,Chhattisgarh
February 23, 2025, 19:07 IST
200 साल से भी ज्यादा पुराना है ये मंदिर, आस्था और चमत्कारों का माना जाता है गढ
