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ancestors get angry if you make kheer during Pitru Paksha mein kheer banana chahiye ya nahi in hindi | क्या पितृपक्ष में खीर बनाने से पितर हो जाते हैं रुष्ट! जानें श्राद्ध वाले दिन खीर बनाना चाहिए या नहीं

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Pitru Paksha 2025 Kheer: श्राद्ध के दिनों में खीर बनानी चाहिए या नहीं. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसे देवकीनंदन ठाकुर ने बताया है. पंडितों का कहना है कि पितृपक्ष में भोजन बनाने और खाने का मकसद सिर्फ स्वाद लेना नहीं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति से पितरों की आत्मा को तृप्त करना है. आइए जानते हैं श्राद्ध वाले दिन खीर बनाना चाहिए या नहीं…

क्या पितृपक्ष में खीर बनाने से पितर हो जाते हैं रुष्ट! जानें क्या है कथा
पितृपक्ष का समय हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है. यह वो पखवाड़ा होता है जब लोग अपने पूर्वजों को याद करके उनका तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं. माना जाता है कि इस दौरान किए गए कर्म सीधे पितरों तक पहुंचते हैं और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. श्राद्ध वाले दिन ज्यादातर घरों में भोज में मिठाई के तौर पर खीर भी बनाई जाती है. लेकिन देवकीनंदन ठाकुर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे बता रहे हैं कि श्राद्ध वाले दिन खीर बनाना बहुत अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से ना सिर्फ पितर रुष्ट हो जाते हैं बल्कि कई तरह के दोष भी लगते हैं. आइए जानते हैं क्या सच में पितृपक्ष में खीर बनाना अशुभ माना जाता है.
वायरल वीडियो में क्या है?
वीडियो में देवकीनंदन ठाकुर कह रहे हैं कि जो लोग पितृपक्ष के दौरान खीर बनाते हैं, उनके पितर उनसे रूठ जाते हैं. इसके पीछ एक कथा भी है. कथा के अनुसार, पितृपक्ष में धर्मराज यमराज अपनी सवारी पर बैठकर पितृ लोक जाते हैं. जो पितरों के देवता हैं, वसु इत्यादि. यमराज उनको नमन करते हैं. वसु इत्यादि पूछते हैं कि पितृ लोक में आपका आगमन कैसे हुआ. यमराज कहते हैं कि हम आपसे एक निवेदन करने आए हैं. हम आपसे यह निवेदन करने आए हैं कि आप यहां मौजूद पितरों से कह दीजिए कि श्राद्ध वाले दिन ये खीर ना खाया करें. वसु इत्यादि कहते हैं आखिर क्यों? और वह भी भैंस के दूध की तो बिल्कुल नहीं.

यमराज कहते हैं कि भैंसा हमारी सवारी है. भैंसा कहते हैं कि हम ही इनको लेकर आते हैं और ये हमारी ही मां के दूध को पितर खाते हैं. क्या ये बात अच्छी है. धर्मराज यमराज से इस बात की शिकायत की गई कि प्रभु ये सब सही नहीं है… इनको मना करो कि इन दिनों में मेरी मां के दूध को ये पितर स्वीकार ना करें. तो यमराज कहते हैं कि महाराज हमारा जो भैंसा है चाहता है कि पितृपक्ष में भैंस के दूध का इस्तेमाल किसी भी चीज में ना किया जाए.

वसु इत्यादि ने यमराज की बात सभी पितरों से कही और कहा कि भैंस के दूध की जो खीर है, उसे आप स्वीकार ना करें. तो पितरों ने कहा कि ऐसा ही होगा. देवकीनंदन ठाकुर कहते हैं कि पितृपक्ष में गाय के दूध की खीर स्वीकार्य है लेकिन भैंस के दूध की खीर बिल्कुल नहीं बनानी चाहिए. आप घर में ही कोई मिठाई बना दें क्योंकि बाजार से लाई गई मिठाई सही नहीं होती है और उसे पितर भी स्वीकार नहीं करते.

संयम और श्रद्धा की अवधि है पितृपक्ष
श्राद्ध के अलावा साधारण दिनों में भी जब पितरों को भोग लगा रहे हों, तब भी खीर बनाने से परहेज करना चाहिए. कारण यह है कि पितृपक्ष का समय भोग-विलास का नहीं बल्कि संयम और श्रद्धा का होता है. इसलिए लोग इस दौरान साधारण और सात्विक आहार पर ही जोर देते हैं. देश के कुछ राज्यों में पितृपक्ष के दौरान खीर नहीं बनाई जाती है. कारण यह है कि पितृपक्ष का समय भोग-विलास का नहीं बल्कि संयम और श्रद्धा का होता है. इसलिए लोग इस दौरान साधारण और सात्विक आहार पर ही जोर देते हैं.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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