छत्रपती संभाजीनगर: पूरे देश में दिवाली का महापर्व की धूम है. मनाया जा रहा है. लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं और दीप जलाते हैं, जिससे चारों ओर एक जादुई माहौल बनता है. गौरतलब है कि दीवाली के अलग-अलग दिन पर कई परंपराएं और रिवाज मनाए जाते हैं. इस दौरान हर घर में लक्ष्मी पूजा की जाती है. इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है, लेकिन एक और चीज है जो इस पूजा में शामिल होती है, वो है झाड़ू तो चलिए जानते हैं दीवाली पर लक्ष्मी पूजा में झाड़ू की पूजा क्यों की जाती है…
झाड़ू का महत्व
लक्ष्मी पूजा के दिन हम देवी लक्ष्मी और भगवान गणपति की पूजा करते हैं. इस दिन घर में हर जगह दीये जलाकर उसे रोशन किया जाता है. इस दिन झाड़ू की पूजा की जाती है क्योंकि झाड़ू का इस्तेमाल अलक्ष्मी को अपने घर से दूर करने के लिए किया जाता है. इसका मतलब है कि घर की गंदगी हटाने के साथ-साथ अन्य बुरी चीजें भी हटाई जाती हैं. धानोरकर गुरुजी के अनुसार, झाड़ू को लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है.
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झाड़ू के प्रकार
Bharat.one से बात करते हुए धानोरकर गुरुजी ने बताया कि झाड़ू के दो प्रकार होते हैं. एक बड़ी झाड़ू और एक छोटी झाड़ू. हम बड़ी झाड़ू का इस्तेमाल अपने घर की सफाई के लिए करते हैं. छोटी झाड़ू का उपयोग घर के देवघर के सामने या जहां हम अपने देवी-देवताओं को रखते हैं, वहां की सफाई के लिए किया जाता है. इसलिए लक्ष्मी पूजा के दिन झाड़ू की पूजा की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है. यह लक्ष्मी के साथ-साथ घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने में मदद करती है. इसलिए लक्ष्मी पूजा पर झाड़ू की पूजा की जाती है.
FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 13:04 IST
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