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durga puja 2025 kab hogi murti sthapna | mata rani ki aankh kab khulega | दुर्गा पूजा में कब होगी मूर्ति स्थापना? किस दिन खोली जाएगी मातारानी की आंख

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Durga Puja 2025 Kab Hogi Murti Sthapna: दुर्गा पूजा में तीन दिन महासप्तमी, दुर्गा अष्टमी और महानवमी महत्वपूर्ण हैं. दुर्गा पूजा के समय मां दुर्गा की मूर्तियों को पंडाल में स्थापित करते हैं. इस साल दुर्गा पूजा में मूर्ति स्थापना कब होगी? मातारानी की आंख किस दिन खुलेगी? पंचांग से जानते हैं मूर्ति स्थापना मुहूर्त के बारे में.

दुर्गा पूजा में कब होगी मूर्ति स्थापना? किस दिन खोली जाएगी मातारानी की आंख?दुर्गा पूजा में तीन दिन महासप्तमी, दुर्गा अष्टमी और महानवमी महत्वपूर्ण है.
Durga Puja 2025 Kab Hogi Murti Sthapna:  शारदीय नवरात्रि में दुर्गा पूजा का उत्सव पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में मनाया जाता है. दुर्गा पूजा के भव्य उत्सव के लिए पश्चिम बंगाल प्रसिद्ध है. दुर्गा पूजा के समय लोग पांडाल बनाकर मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना करते हैं. उनकी पूजा की जाती है और फिर दुर्गा विसर्जन होता है. इस साल दुर्गा पूजा में मूर्ति स्थापना कब होगी? मातारानी की आंख किस दिन खुलेगी? पंचांग से जानते हैं मूर्ति स्थापना मुहूर्त के बारे में.

दुर्गा पूजा मूर्ति स्थापना

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दुर्गा पूजा में मूर्ति स्थापना महासप्तमी के दिन यानि आश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि को होती है. पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि 28 सितंबर को दोपहर में 02:27 पी एम से शुरू हो रही है, इसका समापन 29 सितंबर को शाम 04:31 पी एम पर होगा. ऐसे में महासप्तमी 29 सितंबर दिन सोमवार को है. इस आधार पर दुर्गा पूजा में मिट्टी से बनी मूर्ति की स्थापना 29 सितंबर को होगी.

महासप्तमी को खुलेगी मां दुर्गा की आंख

महासप्तमी के दिन मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना की जाती है और उसी दिन मातारानी की आंख खोल दी जाती है. 29 सितंबर को ही मातारानी की आंख खोली जाएगी. मातारानी की आंख खुलना देवी के जागरण का प्रतीक है. 29 सितंबर को सौभाग्य योग और मूल नक्षत्र है.

29 सितंबर को महानिशा पूजा

पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को रात्रि में अष्टमी तिथि प्राप्त हो रही है, इस वजह से महानिशा पूजा महासप्तमी की रात की जाएगी. इस दिन का निशिता मुहूर्त 11:47 पी एम से देर रात 12:36 ए एम तक है.

30 सितंबर को महाष्टमी व्रत

नवरात्रि का महाष्टमी व्रत 30 सितंबर को है. महाष्टमी के दिन मां दुर्गा के लिए व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है. इस बार दुर्गा अष्टमी पर शोभन योग और मूल नक्षत्र है.

1 अक्टूबर को महा नवमी व्रत और कन्या पूजा

दुर्गा पूजा में महानवमी व्रत का महत्व है. इस बार महानवमी व्रत 1 अक्टूबर को है. महानवमी के दिन कन्या पूजा और हवन करते हैं. कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है. महानवमी पर रवि योग बन रहा है. रवि योग सुबह में 08:06 ए एम से लेकर 2 अक्टूबर को सुबह 06:15 ए एम तक है.

2 अक्टूबर को होगा दूर्गा विसर्जन

दुर्गा पूजा का समापन 2 अक्टूबर को दूर्गा मूर्तियों के विसर्जन से होगा. दूर्गा विसर्जन के दिन महिलाएं सिंदूर खेला करती हैं. सुहागन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और मां दुर्गा को विदा करती हैं. दूर्गा विसर्जन पर सुकर्मा योग और उत्तराषाढा नक्षत्र है. इस दिन पूरे समय रवि योग बना रहेगा.

कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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