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Hartalika Teej Vrat 2024: आखिर क्यों तीज व्रत का नाम पड़ा हरतालिका तीज, पढ़ें रोचक कहानी

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हाइलाइट्स

हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है. तृतीया तिथि 5 सितंबर यानी कल दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुकी है.

Hartalika Teej Vrat 2024 : हिंदू धर्म में विवाहित महिलाएं सुभाग्य की कामना और पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं 24 घंटे तक निर्जला उपवास रहकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती हैं. शाम की पूजा मंदिर में करने की परंपरा है. मंदिर में महिलाएं माता पार्वती को सुहाग और श्रृंगार का सामान और प्रसाद चढ़ाती हैं और कथा सुनती हैं. इसके साथ ही वो पति की लम्बी आयु का वर भी मांगती है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से इसके बारे में विस्तार से.

आज मनाई जा हरतालिका तीज
हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है. तृतीया तिथि 5 सितंबर यानी कल दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 6 सितंबर यानी आज दोपहर में 3 बजकर 01 मिनट पर होगा.

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सुहागिनों के महापर्व के रूप में प्रचलित हरतालिका तीज भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है. हस्त नक्षत्र में होने वाला यह व्रत सुहागिनें पति की लंबी आयु और अविवाहित युवतियां मनवांछित वर के लिए करती हैं. इस दिन शिव-पार्वती की पूजा होती है. ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती और शिव अपनी पूजा करने वाली सभी सुहागिनों को अटल सुहाग का वरदान देते हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों इस व्रत का नाम हरतालिका तीज पड़ा.

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इसलिए पड़ा नाम
पुराणों में उल्लेख मिलता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया और वरदान में उन्हें ही मांग लिया. इसी व्रत को हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है. वैसे मान्यता है कि इस दिन को ‘हरतालिका’ इसलिए कहते हैं कि पार्वती की सहेली उनका हरण कर घनघोर जंगल में ले गई थी. ‘हरत’ अर्थात हरण करना और ‘आलिका’ अर्थात सहेली. ऐसे पड़ा था इस व्रत का नाम.

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