Home Dharma Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर करें इस खास मंत्र का जाप,...

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर करें इस खास मंत्र का जाप, शिव देंगे रोग और संकटों से मुक्ति

0


हरिद्वार: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है. इस माह में कई धार्मिक पर्व आते हैं, जिनमें कार्तिक पूर्णिमा का दिन सबसे खास होता है. यह पर्व भगवान शिव को समर्पित माना जाता है और इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष फल मिलता है.
साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. इस पावन दिन को लेकर देशभर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किया गया पुण्यकर्म कई जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है.

ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान और पूजा का महत्व
हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल भर में आने वाली सभी पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:39 से 5:28 बजे तक रहेगा. इस दौरान गंगा स्नान, दीपदान और शिव पूजन करने से तन-मन के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है.

पंडित श्रीधर शास्त्री कहते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में हर की पौड़ी, हरिद्वार में गंगा स्नान करने के बाद यदि श्रद्धालु “संपुट महामृत्युंजय मंत्र” का जाप रुद्राक्ष की माला से करें, तो व्यक्ति के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है और असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है.

संपुट महामृत्युंजय मंत्र का महत्व
धर्माचार्य के अनुसार, भगवान शिव को यह मंत्र अत्यंत प्रिय है. इस मंत्र का जाप यदि 108 बार या 11,000 बार रुद्राक्ष की माला से किया जाए, तो सभी भौतिक कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही धन-समृद्धि, शत्रुओं पर विजय और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

संपुट महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है:
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ।।

अकाल मृत्यु और रोगों से मिलती है मुक्ति
पंडित शास्त्री बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम होता है. इस दिन महामृत्युंजय संपुट मंत्र का जाप, गंगा स्नान और दान-पुण्य करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है और जीवन में आ रही सभी रुकावटें दूर होती हैं. मान्यता है कि इस दिन किया गया जाप और पूजन, मृत्यु के भय और असाध्य रोगों से मुक्ति का मार्ग खोल देता है.

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देशभर के तीर्थस्थलों, विशेषकर हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और ऋषिकेश में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. माना जाता है कि इस दिन किया गया पुण्यकर्म भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों को प्रसन्न करता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version