कोल्हापुर: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कहा जाता है कि ग्रह, राशियां और नक्षत्र हमारे जीवन में होने वाली अनुकूल और प्रतिकूल घटनाओं के जिम्मेदार होते हैं. नया साल आना वाला है, कई लोग ये जानना चाहते हैं कि उनका आना वाला साल कैसा रहने वाला है, तो चलिए आज हम जानते हैं कि आने वाले नए साल में सभी बारह राशियों के लिए यह समय कैसा रहेगा. आज हम सिंह राशि के बारे में जानेंगे. सिंह राशि के लिए 2025 कैसा रहेगा? उनका बिजनेस, करियर, स्वास्थ्य और रिश्ते कैसे होंगे? इस बारे में हमें कोल्हापुर के ज्योतिषी राहुल कदम से विस्तार से जानकारी मिलेगी.
सिंह राशि के व्यक्तित्व लक्षण
सिंह राशि को राशि चक्र में पांचवीं स्थिति में रखा गया है और इसे राशिफल में नंबर पांच के द्वारा दर्शाया गया है. यह राशि आकाश में शेर के आकार में दिखाई देती है, इसलिए इस राशि का नाम भी सिंह रखा गया है. सिंह राशि जंगल का राजा है, इसलिए इस राशि के व्यक्तित्व में राजा की खूबियां देखने को मिलती हैं. इस राशि के स्वामी ग्रह सूर्य हैं, जो नौ ग्रहों के राजा भी हैं और जिन गुणों की एक राजा से अपेक्षा की जाती है, वे गुण इस राशि के लोगों में देखने को मिलते हैं. ये लोग अन्याय से परेशान होते हैं और हमेशा न्याय करने की पहल करते हैं. इन्हें झूठ बोलना पसंद नहीं होता है और नियमों के खिलाफ कार्य करने से इन्हें नफरत होती है. ये लोग हमेशा नियमों और कानूनों का पालन करते हैं.
सिंह राशि के लोग दूसरों के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते.
ये हमेशा दूसरों पर राज करना चाहते हैं और अपने अधीनस्थों (Subordinates) के साथ भी वैसा ही व्यवहार करते हैं. इन्हें यह बिल्कुल पसंद नहीं आता जब इनके अधीनस्थ नियमों का उल्लंघन करते हैं. इस राशि के लोग स्थिर स्वभाव के होते हैं और अग्नि तत्व से संबंधित होते हैं. ये लोग जल्दी से जीवन में बदलाव स्वीकार नहीं करते और चूंकि ये अग्नि तत्व की राशि हैं, ये जल्दी गुस्से में आ जाते हैं और इनका स्वभाव तीव्र होता है. ये गरीबों के प्रति दयालु होते हैं और कमजोरों के लिए अच्छा करने की कोशिश करते हैं. चूंकि ये लोग अपनी राय दूसरों पर थोपने की कोशिश करते हैं, इसलिए इन्हें अक्सर डांट-फटकार करने वाला कहा जाता है. इन्हें गर्मी के कारण परेशानियां होती हैं, जैसे पित्त की समस्याएं, अनिद्रा और बवासीर जैसी परेशानियां. इनके व्यक्तित्व में एक चौड़ी माथे और बालों की हल्की रेखा होती है. इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है.
ग्रहों के परिवर्तन का प्रभाव
इस राशि का शत्रु ग्रह शनि है और 29 मार्च को शनि कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश करेगा और सिंह राशि पर छोटी साढ़े साती, जिसे पनोती भी कहा जाता है, की शुरुआत होगी. यह पनोती दो और आधे साल तक चलेगी. इस पनोती के दौरान आपको लगेगा कि जो काम आप कर रहे हैं, वे गलत साबित हो रहे हैं. इसलिए, इस समय में बहुत सावधानी से काम करना बेहद जरूरी है. आपको किसी को मुफ्त सलाह देने के झमेले में नहीं फंसना चाहिए.
इस समय में धैर्य रखना बेहद महत्वपूर्ण है, किसी भी निर्णय को जल्दी में न लें. जो निर्णय लिए जाएंगे, वे अटक सकते हैं. इसलिए, निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह सोचें. ऑफिस या काम के वरिष्ठों से बात करते समय बहुत धैर्य से बोलें, क्योंकि आपकी बातें गलत तरीके से समझी जा सकती हैं और आपके खिलाफ बोली जा सकती हैं. इस समय में हमें अपने चरित्र की रक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा चरित्र किसी भी तरह से खराब न हो. हमें हर जगह जिद्दी नहीं होना चाहिए, कुछ जगहों पर समझौता करने का तरीका अपनाना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है.
ग्रहों के गोचर के बाद क्या होगा?
शनि के गोचर के बाद जो ग्रह गोचर करेंगे, वह है गुरु. 14 मई को गुरु वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा. इस प्रकार, 14 मई तक जो गुरु दसवें भाव में था, वह ग्यारहवें भाव में जाएगा. इसलिए, शनि की साढ़े साती के पनोती से जो भी समस्याएं आई थीं, वह इस ग्यारहवें गुरु से शुभ हो जाएंगी. इस दौरान, आपके मित्र आपकी मदद करेंगे और वह आपके सामने आई समस्याओं से आपको उबारने में सहायक होंगे. अक्टूबर से दिसंबर तक का समय अचानक आपके खर्चों को बढ़ा सकता है, इसलिए आपको अपनी वित्तीय योजना ठीक से बनानी चाहिए. इस समय स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ी चिंता हो सकती है, और दवाइयों पर खर्च बढ़ सकता है. अक्टूबर तक गुरु जो दसवें भाव में रहेगा, वह छात्रों के लिए लाभकारी रहेगा और यह समय प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने वाला रहेगा.
कानून और नियमों का उल्लंघन न करें, नहीं तो परेशानी हो सकती है!
जो लोग 8, 17 या 26 तारीख को जन्मे हैं, उनके लिए यह समय प्रेम संबंधों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण रहेगा और इस दौरान प्यार का इज़हार होगा. आपको अपने जीवनसाथी से अच्छी मदद मिलेगी और वह आपकी मुश्किलों में आपके साथ खड़ा रहेगा. आपको नए तीर्थ स्थल की यात्रा का अवसर मिलेगा. इस दौरान, भगवान के लिए आपकी यात्रा होगी.
29 मई को राहु और केतु अपना गोचर करेंगे, जिसके कारण कुछ समय के लिए आपको अकेलापन महसूस होगा और आपका मन दुनियादारी से दूर भटकेगा. लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं रहेगा, यह कुछ समय के लिए होगा और फिर आपका मन दुनिया में वापस लग जाएगा. व्यापारिक साझेदारों से परेशानियों की संभावना हो सकती है, ऐसे में आपको बहुत धैर्य से काम लेना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें. गठिया और ब्लड प्रेशर जैसी परेशानियां उभर सकती हैं, जिसके लिए आपको खर्च करना पड़ेगा. ज्योतिषी का कहना है कि आपको अपनी दिमागी स्थिति को तनाव से दूर रखना चाहिए और तनाव से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
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क्या पूजा करें?
आने वाली साढ़े साती के पनोती से बचने के लिए हर दिन सूर्य की पूजा करनी चाहिए. अगर संभव हो तो सूर्योदय से पहले उठें. सुबह सूर्या नमस्कार करें और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें. हर सुबह आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. अपने परिवार के अनुष्ठान और परिवार धर्म का पालन नियमित रूप से करें. अपने परिवार के देवता का हर दिन स्मरण करें. इस समय में धार्मिक बहस से बचना फायदेमंद होगा. हर शाम राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें. मंगलवार और शनिवार को मारुति के दर्शन करें. मांसाहार और मदिरा से बचें. गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचें. पालतू जानवरों से दूर रहें. मूक जानवरों को परेशान न करें. इन्हें परेशान करने से राहु के प्रभाव से नकारात्मक परिणाम होंगे. बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का अपमान न करें, क्योंकि शनि कर्मियों का कारक ग्रह है. कर्मचारी को परेशान करना शनि को परेशान करने जैसा होता है.
FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 10:54 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.