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Sarva Pitru Amavasya 2025 must do these 5 work | सर्व पितृ अमावस्या पर ये 5 काम नहीं करने से पितृ होते हैं नाराज

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Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों की पूजा करनी चाहिए. पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति का अंतिम मौका होता है. सर्व पितृ अमावस्या पर 5 काम नहीं करने से पितर नाराज होते हैं.

पितृ दोष से मुक्ति का अंतिम मौका! 5 कामों को किया अनदेखा, तो पितर होंगे नाराजसर्व पितृ अमावस्या पर पितरों की पूजा करनी चाहिए.
Sarva Pitru Amavasya 2025: इस साल सर्व पितृ अमावस्या 21 सितंबर को है. पितृ पक्ष के समय में सर्व पितृ अमावस्या पितरों के श्राप या पितृ दोष से मुक्ति का अंतिम मौका होता है. उसके बाद यह मौका अगले साल पितृ पक्ष में ही मिलता है. जो लोग अभी तक पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपाय नहीं किए हैं, उन लोगों को सर्व पितृ अमावस्या पर कर लेना चाहिए. पंचांग के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या की तिथि 21 सितंबर रविवार को 12:16 ए एम से 22 सितंबर सोमवार को 01:23 ए एम तक है. सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों के श्राद्ध, पिंडदान आदि के लिए कुतुप मुहूर्त 11 बजकर 50 ए एम से दोपहर 12 बजकर 38 पी एम तक रहेगा. सर्व पितृ अमावस्या के दिन कुछ कामों को अनदेखा करने या न करने से पितर नाराज होते हैं और अपनी संतान को श्राप देते हैं, इससे परिवार में अशांति, दुख, रोग, अवनति आदि अपना दुष्प्रभाव दिखाने लगते हैं.

सर्व पितृ अमावस्या: ये 5 काम न करने से पितृ होते हैं नाराज

1. तर्पण: सर्व पितृ अमावस्या पर स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. तर्पण से जो जल पितरों को प्राप्त होता है, उसे पाकर वे तृप्त होते हैं. सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितर धरती पर होते हैं और जब उनके लिए तर्पण नहीं करते हैं, तो वे नाराज होते हैं. मान्यता है कि पितृ लोक में जल की कमी होती है, इसलिए पितरों को जल से तर्पण देते हैं, उसमें कुशा का उपयोग करना जरूरी होता है, नहीं तो तर्पण का जल पितरों को नहीं मिलता है.
2. श्राद्ध: सर्व पितृ अमावस्या के दिन ज्ञात और अज्ञात पितरों का श्राद्ध होता है. इस दिन आप अपने सभी पितरों के लिए श्राद्ध कर सकते हैं, जिनकी तिथि भी आपको पता न हो. श्राद्ध में पितरों के लिए पिंडदान, अन्न दान आदि करते हैं. श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धापूर्वक पितरों को अर्पण करना.

3. दान: सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों के लिए दान जरूर करना चाहिए. पितरों को खुश करने के लिए आप अन्न, सफेद रंग के कपड़े, जल आदि का दान करें. इन वस्तुओं का दान आप किसी ब्राह्मण या जरूरत मंद व्यक्ति को कर सकते हैं.

4. पंचबलि कर्म: अपने पितरों तक अन्न या भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए पंचबलि कर्म करते हैं. इसमें हम सर्व पितृ अमावस्या पर जो भी सात्विक भोजन बनाते हैं, उसका कुछ अंश निकालकर गाय, कौआ, कुत्ता आदि को अर्पित कर देते हैं. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे भोजन पितरों को प्राप्त होता है और वे पाकर तृप्त होते हैं.

5. दीपक: सर्व पितृ अमावस्या की शाम पितृ पक्ष का समापन होता है और पितर अपने लोक वापस जाने लगते हैं. ऐसे में उनके मार्ग में अंधेरा न रहे, इसलिए एक दीपक जलाते हैं. सरसों के तेल का एक दीपक घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख दें. ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.

जो लोग सर्व पितृ अमावस्या के दिन ये 5 काम नहीं करते हैं, उनके पितर उनसे नाराज होते हैं और उनको श्राप देते हैं. पितृ दोष से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या पर ये काम जरूर करें.

कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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