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Vakratunda Sankashti Chaturthi October 2025 Date shubh muhurat siddhi yoga moonrise time importance | वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी कब है? सिद्धि योग में गणेश पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त, चंद्रोदय समय

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Vakratunda Sankashti Chaturthi 2025 Date: कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत होता है. इस बार वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर सि​द्धि योग और कृत्तिका नक्षत्र है. इस दिन करवा चौथ भी होता है. आइए जानते हैं कि वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी कब है? वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त और चंद्रोदय का समय क्या है?

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Vakratunda Sankashti Chaturthi 2025 Date: वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन करवा चौथ का भी व्रत होता है. इस बार वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर सिद्धि योग बन रहा है. वक्रतुंड संकष्टी को कार्तिक संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. इस व्रत में गणेश जी के साथ चंद्रमा की पूजा करने का विधान है. रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण करते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजा करने से संकट और कष्टों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कि वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी कब है? वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त और चंद्रोदय का समय क्या है?

वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी की तारीख

पंचांग के आधार पर देखा जाए तो वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी यानि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी ति​थि 9 अक्टूबर दिन गुरुवार को रात में 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी. इस तिथि का समापन 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को शाम 7 बजकर 38 मिनट पर होगा. उदया​तिथि को देखते हुए वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी 10 अक्टूबर शुक्रवार को है.

सिद्धि योग में वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी

इस बार वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर सिद्धि योग बन रहा है. उस दिन सिद्धि योग व्रत के दिन प्रात:काल से लेकर शाम को 5 बजकर 41 मिनट तक है. उसके बाद से व्यतीपात योग बनेगा. व्रत पर कृत्तिका नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र है.

वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त

वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:40 ए एम से 05:30 ए एम तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त 11:45 ए एम से दोपहर 12:31 पी एम तक रहेगा. चतुर्थी का निशिता मुहूर्त देर रात 11:43 पी एम से 12:33 ए एम तक है.

इस दिन गणेश जी की पूजा का मुहूर्त सुबह 06:19 ए एम से लेकर सुबह 10:41 ए एम तक है. इस समय में लाभ-उन्नति मुहूर्त 07:46 ए एम से 09:13 ए एम तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 09:13 ए एम से 10:41 ए एम तक है.

वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय

दिनभर व्रत रखने के बाद शाम के समय में चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देते हैं. वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय रात 08:13 पी एम पर है. इस समय चंद्र देव को कच्चे दूध में पानी, अक्षत्, फूल डालकर अर्पित करते हैं. उसके बाद पारण किया जाता है.

वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी का राहुकाल

इस ​व्रत के दिन राहुकाल सुबह में 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 08 मिनट तक है. राहुकाल के समय में आपको कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी चतुर्थी यानि संकटों को नष्ट करने वाली चतुर्थी. संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और गणेश पूजा करने से कष्ट मिटते हैं और संकट दूर होते हैं. गणेश जी की कृपा से कार्य सफल होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.

कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी कब है? सिद्धि योग में गणेश पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त

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