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Kaele Ke Fool Ka Pakoda: आपने आज तक कई तरह के पकौड़े ट्राय किए होंगे पर शायद ही कभी केले के फूल का पकौड़ा खाया हो. ये झारखंड का ट्रेडिशनल फूड है और खाने में लाजवाब होता है. इसे बनाने में कुछ समय लगता है पर जब यह तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है तो जैसे सारी मेहनत वसूल हो जाती है.
अक्सर लोग केले की तुड़ाई करने के बाद इसके फूलों को फेंक देते हैं. लेकिन झारखंड में इससे कई प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. मानसून के महीने में इसके फूलों से झारखंड में पकौड़ी तैयार की जाती है जिसे लोग खूब पसंद करते हैं.
मानसून के महीने में जब घर पर कोई रिश्तेदार आ जाता है तब इस डिस को खासकर मेहमानों के सामने चाय और तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है.
इस विषय पर हजारीबाग के श्री राम स्वीट्स के हलवाई मोहन मुरारी बताते हैं कि केले के फूल से पकौड़ा बनाने की रेसिपी थोड़ी कठिन है और मेहनत वाली है लेकिन इसका स्वाद उतना ही लाजवाब होता है.
उन्होंने आगे बताया कि इसे बनाने के लिए सबसे पहले फूल की बाहरी कठोर पत्तियों को छीलकर उसके भीतर की कोमल कलियों को निकाल लिया जाता है.
उन्होंने आगे बताया कि इन कलियों में हल्का कसैलापन होता है, इसलिए इन्हें हल्दी और नमक मिले गुनगुने पानी में कुछ देर भिगोकर रखा जाता है, इससे स्वाद निखर जाता है.
उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद बेसन में नमक, हल्दी, जीरा, प्याज, हरी मिर्च और धनिया पत्ती डालकर गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है. कई लोग इसमें चावल का आटा भी मिलते हैं इससे पकौड़ा कुरकुरा बनता है.
मोहन मुरारी आगे बताते हैं कि इस घोल में फूल की कलियों को मिलाकर थोड़ी देर रखा जाता है ताकि मसालों का स्वाद उनमें अच्छी तरह समा जाए. वहीं कढ़ाही में गरम तेल डालने के बाद मिश्रण के छोटे-छोटे हिस्से डालकर तलना शुरू किया जाता है. आंच मध्यम रखी जाती है ताकि पकौड़े बाहर से कुरकुरे और अंदर से मुलायम बनें.
जब वे सुनहरे भूरे हो जाते हैं, तो उन्हें निकालकर गरमा-गरम चाय, हरी चटनी या टमाटर की तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है. केले के फूल का पकोड़ा बेहद पौष्टिक होता है और खाने में भी स्वादिष्ट लगता है.
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