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Balaghat Famous Peda: बालाघाट की मशहूर पेड़े की दुकान आज से 75 साल पहले मोहन महाराज नाम के शख्स ने खोली थी. ऐसे में तब से लेकर अब तक दुकान काफी प्रचलित रही है. वहीं, अब इस दुकान को उनके बेटे और नाती चला रहे हैं. (रिपोर्ट:नितेश)
आपने तमाम मिठाइयों का स्वाद तो खूब लिया होगा, लेकिन आज हम जिस देसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं, उसका न केवल स्वाद लाजवाब है, बल्कि डिमांड भी खूब है.
मिठाई का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है. लेकिन बालाघाट के पेड़े का स्वाद सबसे अलग है.दिखने में सामान्य सा यह पेड़ा स्वाद ऐसा है कि एक बार जिसने चख लिया वह इसका कायल हो जाता है.
यूं तो ये पेड़े आपको कई जगह मिल जाएगी लेकिन यहां की इस दुकान जैसा स्वाद कहीं नहीं मिलेगा. यहां के पेड़ों की खास बात यह है कि ये लंबे समय तक खराब नहीं होते क्योंकि इनमें शुद्ध मावा का उपयोग होता है.
बालाघाट की मशहूर पेड़े की दुकान आज से 75 साल पहले मोहन महाराज नाम के शख्स ने खोली थी. ऐसे में तब से लेकर अब तक दुकान काफी प्रचलित रही है. त्योहारी सीजन के अलावा सालभर पेड़ों की डिमांड देशभर से आती रहती है.
वहीं, अब इस दुकान को उनके बेटे और नाती चला रहे हैं. उन्होंने अपनी दुकान महाराष्ट्र के गोंदिया में खोली थी. अब उनकी दुकान बालाघाट में खुली है. ऐसे में 6 सालों से बालाघाट में अच्छा नाम कमा रही है.
मोहन महाराज के बेटे विष्णु शर्मा इस दुकान को चला रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज भी अपने पिता की विरासत को संभाले हुए हैं. वहीं, शुद्धता और स्वाद को बनाए रखने के लिए पूरा परिवार इस पर मेहनत करता है.
इसमें अच्छी क्वालिटी का मटेरियल इस्तेमाल करते हैं, जिससे लोगों का विश्वास दुकान पर बना रहता है. वहीं साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. मोहन महाराज के दुकान के पेड़े तो खास है ही साथ ही इस दुकान में उपवास के लिए खास तरह का फलाहार भी बनता है.
ऐसे में लोगों का विश्वास इस दुकान पर बढ़ता है. ऐसे में त्यौहार के दिनों में इस दुकान में ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है. वहीं, बाहर से आने वाले लोग भी इस दुकान के पेड़ों को पसंद करते हैं.
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