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आगरा में स्क्रब टाइफस का खतरा बढ़ा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय.

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Agra News: आगरा में स्क्रब टाइफस नामक नई बीमारी फैल रही है, जो संक्रमित पिस्सू के काटने से होती है. इसके लक्षण काफी हद तक डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं.

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड के बाद नई बीमारी ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी को स्क्रब टाइफस कहते हैं. इस बीमारी में रहस्यमई तरीके से बुखार आता है जिसके बारे में आसानी से पता नहीं किया जा सकता है. इसके लक्षण काफी हद तक डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन जांच में पता चलता है कि ना तो यह डेंगू है और ना ही टायफाइड फीवर है.

चिकित्सक बताते हैं इसे स्क्रब टाइफस कहा जाता है जो जानवरो द्वारा फैलता है. यह बीमारी बैक्‍टीरिया से संक्रमित पिस्‍सु के काटने पर फैलती है. इसके बाद स्‍क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. शुरुआत में किसान और जंगलो काम करने वाले लोग इस बीमारी का शिकार हुए, लेकिन अब ये धीरे धीरे सभी में फैल रहा है. चिकित्सकों ने बताया कि स्‍क्रब टाइफस बुखार से काफी लोगों की जान भी जा चुकी है. स्‍क्रब टाइफस के मामलों में मृत्‍यु दर 6 प्रतिशत बताई जा रही है.

बच्चों में फैल रही है तेजी से बीमारी

सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलॉज़ी के हेड डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि खेतों और झाड़ियों में रहने वाले चूहों पर चिगर्स कीट पाया जाता है. अगर संक्रमित चिगर्स या चूहों का पिस्‍सू काट लेता है तो ओरेंशिया सुसुगेमोसी बैक्टीरिया इंसान के रक्‍त में प्रवेश कर संक्रमित कर देता है. स्क्रब टाइफस से कोई भी व्‍यक्ति संक्रमित हो सकता है. स्क्रब टाइफस के संक्रमण के ज्यादातर मामले चीन, भारत, जापान, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, साउथ पूर्वी एशिया में ज्यादा मिलते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह बीमारी बच्चों में भी फ़ैल रही है. उन्होंने कहा कि अधिकतर इस मामले के केस बरसात में अधिक आते है.

सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर विकास गुप्ता के कहा कि स्क्रब टाइफस के लक्षण सामन्य ही होते है. उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस होने पर डेंगू, वायरल फिवर जैसे ही लक्षण दिखाई देते है. स्क्रब टाइफस में तेज़ लगातार बुखार आना, जुखाम, खांसी, मसल्स पेन, उल्टी और दाग़ हो जाना मुख्य लक्षण माने जाते है. डॉ. ने कहा कि यह लक्षण दिखने पर तत्काल इसका उपचार जरूरी है. लापरवाही में कई मरीजों के जान तक जा चुकी है. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इसका ईलाज नहीं कराया तो यह दिमाग़ तक पहुंच जाता है जिससे लकवा तक मरीज को हो सकता है. डॉ. विकास ने कहा कि स्क्रब टाइफस का ईलाज एस एन मेडिकल कॉलेज में निःशुल्क उपलब्ध है.

घरेलु उपचार 

सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफाइल चिकित्सक विकास गुप्ता ने कहा कि स्क्रब टाइफस से कुछ घरेलु देखरेख से भी रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि सभी को बरसात के समय फुल स्लिप के कपडे पहनने चाहिए. घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, घर के वाशरूम, वाशवेशन आदि साफ रखने चाहिए. घर में चूहे ना आएं इस पर विशेष ध्यान रखना है….

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