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पौधा नहीं, ये अमृत…असहनीय बीमारियों को भगाने में माहिर, दर्द निवारक दवाएं भी इसके आगे फीकी – Uttar Pradesh News

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रायबरेली. आयुर्वेद हजारों साल से पौधों के औषधीय गुणों को बताता आया है. कई बार ये पौधे हमारे घर या बगीचे में मौजूद होते हैं, लेकिन उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी न होने से हम महंगी दवाइयों और इलाज का सहारा लेने पर मजबूर हो जाते हैं. ऐसा ही एक पौधा है हरसिंगार (नाइट जैस्मिन), जिसके पत्ते कई गंभीर बीमारियों के इलाज में बेहद कारगर हैं. खासकर साइटिका जैसी बीमारी में यह पत्ते किसी वरदान से कम नहीं हैं. रायबरेली जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ की आयुष चिकित्सक डॉ. आकांक्षा दीक्षित ने Bharat.one से बातचीत में हरसिंगार के औषधीय गुणों और साइटिका के दर्द से छुटकारा दिलाने वाले घरेलू नुस्खे के बारे में बताया.

सूजन कम करने में माहिर
डॉ. आकांक्षा बताती हैं कि हरसिंगार का पेड़ बारिश के मौसम में खूब दिखाई देता है. इसके छोटे-छोटे सफेद फूल बीच में हल्के नारंगी रंग के होते हैं, जो देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं. लेकिन इसकी सबसे खास बात इसके पत्ते हैं. आयुर्वेद में हरसिंगार के पत्तों को दर्द निवारक और सूजन कम करने वाला माना गया है.

साइटिका में क्यों असरदार
साइटिका एक गंभीर बीमारी है, जिसमें कमर से लेकर एड़ी तक नसों में असहनीय दर्द होता है. मरीज के लिए चलना-फिरना तो दूर, कई बार खड़े रहना भी मुश्किल हो जाता है. डॉ. आकांक्षा के अनुसार, हरसिंगार के पत्तों में पीरियड्राइड, ग्लाइकोसाइड, फ्लेवोनॉयड्स और अल्कलॉइड्स पाए जाते हैं. ये तत्व नसों की सूजन कम करने, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने और दर्द को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इसी कारण हरसिंगार साइटिका के मरीजों को राहत देता है.

साइटिका के लक्षण
कमर से लेकर एड़ी तक नसों में असहनीय दर्द, चलने-फिरने या खड़े रहने में कठिनाई, लंबे समय तक बैठने में परेशानी, नसों में झनझनाहट और कमजोरी जैसे लक्षण होते हैं.

हरसिंगार का घरेलू नुस्खा
डॉ. आकांक्षा बताती हैं कि साइटिका में राहत पाने के लिए हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा बेहद असरदार होता है. इसे बनाने की विधि इस प्रकार है.
सामग्री : हरसिंगार के 50 ताजे पत्ते, निर्गुंडी (एक और औषधीय पौधा) के 50 पत्ते, 1 लीटर पानी, 1 ग्राम केसर.
विधि : हरसिंगार और निर्गुंडी के पत्तों को 1 लीटर पानी में डालकर गैस पर उबालें. पानी आधा रह जाने तक इसे पकने दें. अब इसे छानकर ठंडा करें और इसमें 1 ग्राम केसर मिला दें. तैयार औषधीय पानी को साफ बोतल में भरकर रख लें.
सेवन विधि : रोज सुबह और शाम 50 मिलीलीटर खाली पेट पिएं. 1–2 दिन के अंदर ही मरीज को साइटिका के दर्द से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी.

दूसरी बीमारियों में भी कारगर
सिर्फ साइटिका ही नहीं, बल्कि हरसिंगार के पत्ते गठिया, जोड़ों के दर्द, बुखार और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में भी लाभकारी माने जाते हैं. डॉ. आकांक्षा दीक्षित का कहना है कि हर व्यक्ति का शरीर अलग प्रतिक्रिया देता है, इसलिए किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लेना चाहिए.

Disclaimer : इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है न कि व्यक्तिगत सलाह. डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही किसी चीज का इस्तेमाल करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-harsingar-leaf-benefits-how-to-use-for-joint-pain-treatment-serious-diseases-local18-9568072.html

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