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राजस्थान के खेतों में उगने वाली यह फली है प्रोटीन का पॉवरहाउस, सेहत और ताकत दोनों के लिए है बेहतरीन

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Moth Beans Benefits: राजस्थान की पारंपरिक दाल मोठ की फली स्वादिष्ट होने के साथ स्वास्थ्यवर्धक भी है. छोटे दाने होने के बावजूद यह प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर है. शरीर को ताकत देने, मांसपेशियां मजबूत करने और खून की कमी पूरी करने में मदद करती है. मोठ से खिचड़ी, लापसी, पराठा और सूप जैसे व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं.नियमित सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है, कमजोरी दूर होती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यह हर उम्र के लोगों के लिए पोषण का शानदार स्रोत है.

राजस्थान अपने खान-पान के लिए प्रसिद्ध है. राजस्थानी जायके के साथ बनने वाली मोठ की फली इसकी विदेशी महंगी डिश से कम नहीं है. यह फली स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभकारी होती है. मोठ के दाने आकार में छोटे और हल्के होते हैं, लेकिन पोषण के मामले में इसके फायदे बड़े हैं.

शाकाहारियों के लिए यह प्रोटीन का शानदार ऑप्शन है. प्रोटीन शरीर को ऊर्जा देने के साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. यही कारण है कि यह दाल स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत खास है. मोठ में आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो खून की कमी को पूरा करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अंजू चौधरी ने बताया कि इसे बादाम की तरह भी खाया जा सकता है. नियमित सेवन से शरीर को पोषण मिलता है और कमजोरी दूर होती है. यह हर उम्र के लोगों के लिए उपयोगी है. मोठ की फली से कई व्यंजन बनाए जाते हैं. साधारण सब्जी के अलावा इससे खिचड़ी, लापसी, पराठा और सूप भी तैयार होते हैं.

स्वाद और पोषण का यह संगम न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि शरीर को ताकत देने के साथ पाचन को भी दुरुस्त रखता है. खेती की दृष्टि से देखें तो मोठ की फली जून या जुलाई में बोई जाती है. लगभग 70 से 80 दिनों के बाद फली तोड़ने योग्य हो जाती है. इसकी खेती के लिए बहुत अधिक पानी या खाद की जरूरत नहीं होती. चाहें तो इसे घर के छोटे बाग या गमले में भी बोया जा सकता है.

बुजुर्ग रामलाल ने बताया कि मोठ खाओ तो पेट हल्का होता है और ताकत मिलती है. ऐसे में मोठ कोई साधारण दाल नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है. यही वजह है कि पीढ़ियों से यह दादी-नानी की थाली से लेकर आज के जिम ट्रेनरों के प्रोटीन डाइट चार्ट तक शामिल है. अंकुरित मोठ बच्चों के लिए बेहद लाभकारी है.

अंकुरित दाल न केवल पोषण की कमी को पूरा करता है बल्कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता और हड्डियों को मजबूत बनाता है. नियमित सेवन से बच्चों और बड़ों दोनों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर होता है. यही वजह है कि इसे हर रोज़ के आहार में शामिल करना चाहिए.

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राजस्थान की यह फली है प्रोटीन का खजाना, हर उम्र की सेहत के लिए है वरदान


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