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Health Budget 2025: सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का भी ऐलान, क्या है इसका मकसद, जानें योजना से किसे होगा लाभ

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Health Budget 2025: निर्मला सीतारमण संसद में अपना 8वां बजट और मोदी सरकार 3.0 का पहले बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का भी ऐलान किया. इसका मकसद कुपोषण से बचाव है.

Health Budget 2025: सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का भी ऐलान, क्या है इसका मकसद

बजट भाषण के बीच वित्त मंत्री ने सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का भी ऐलान किया.

हाइलाइट्स

  • केंद्रीय बजट में सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का ऐलान किया गया.
  • योजना से 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को लाभ होगा.
  • मिशन शक्ति का हिस्सा है यह योजना, इसके तहत कुपोषण को हराना है.

Health Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का अपना 8वां बजट पेश किया. भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, कि हमारा फोकस ‘GYAN’ यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर है. बजट भाषण के बीच वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए, जिसमें सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का भी ऐलान किया है. भारत सरकार की ये योजना ‘मिशन शक्ति’ का हिस्सा है. इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए पात्र लाभार्थियों को पूरक पोषण दिया जाता है. ऐसा होने से आठ करोड़ बच्चों, एक करोड़ गर्भवती महिलाओं और 20 लाख किशोरियों को फायदा होगा. अब सवाल है कि आखिर कुपोषण है क्या? क्यों हो जाता है कुपोषण? कुपोषण होने पर क्या दिखते हैं लक्षण? इस बारे में Bharat.one को बता रही हैं अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर डाइटिशियन प्रीती पांडे-

क्या है सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण योजना

सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का भी ऐलान किया. वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत आठ करोड़ बच्चों, एक करोड़ गर्भवती महिलाओं और 20 लाख किशोरियों को फायदा मिलेगा. ये भारत सरकार की एक योजना है, जिसका मकसद बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण को कम करना है. इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषण दिया जाता है. भारत सरकार की ये योजना ‘मिशन शक्ति’ का हिस्सा है. इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए पात्र लाभार्थियों को पूरक पोषण दिया जाता है. साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में आधुनिक सुविधाएं भी दी जाती हैं.

कुपोषण क्या है

एक्सपर्ट की मानें तो, कुपोषण एक ऐसी कंडीशन है, जब शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते हैं. यानी कुपोषण डाइट में होने वाला असंतुलन है. जब किसी व्यक्ति के पास बहुत अधिक या बहुत कम भोजन होता है और वह पोषक तत्वों से भरपूर नहीं होता, तब वे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. इस समस्या की चपेट में दुनियाभर में लाखों लोग हैं. इसकी अनदेखी यह कई जानलेवा समस्याओं को जन्म दे सकती है.

कुपोषण होने के पीछे की वजह

पोषक आहार की कमी: एक्सपर्ट की मानें तो, कुपोषण का एक मुख्य कारण पौष्टिक आहार की कमी होना भी है. दरअसल, बच्चे कई जरूरी और पौष्टिक तत्वों को अक्सर स्वाद न होने की वजह से नहीं खाते हैं. ऐसे में वे जंक फूड खाते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इसीलिए बच्चो को शुरू से फल और हरी सब्जियों की आदत डाल सकते हैं.

कुपोषण से किन बीमारियों का खतरे

कुपोषण होने के कारण कई घातक और संक्रामक बीमारियां बच्चों को आसानी से शिकार बना सकती हैं. इसके अलावा, पाचन संबंधित समस्याएं जैसे डायरिया की स्थिति बच्चों में होना आम है, लेकिन डायरिया अगर लंबे समय तक चलकर कुपोषण का कारण हो सकता है.क्योंकि इससे बच्चों की पाचन क्रिया प्रभावित होती है और सभी पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं हो पाता है, जिससे वह कुपोषित हो सकते हैं.

कुपोषण होने के लक्षण

कई बार बच्चों का शरीर उम्र के हिसाब से विकसित नहीं हो पाता है और वे अपनी उम्र के बच्चों से पीछे रह जाते हैं. बच्चों में कुपोषण के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे; पेट से संबंधित संक्रमण या बीमारियां होना, हर समय गुस्सा और चिड़चिड़ापन होना, भूख ना लगना और पेट खराब रहना, सांस लेने में दिक्कत होना, छोटी हाईट और सामान्य बीमारियों का भी लंबे समय तक ठीक ना होना, उम्र के हिसाब से वजन कम होना आदि.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-union-budget-2025-finance-minister-nirmala-sitharaman-announces-saksham-anganwadi-and-poshan-20-benefits-8-crore-children-9001106.html

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