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हेलमेट चुनते समय सबसे पहले उसकी फिटिंग और डिज़ाइन पर ध्यान दें. हल्का वायुगतिकीय एयरोडायनामिक और सिर के आकार के अनुसार फिट होने वाला हेलमेट गर्दन पर अनावश्यक दबाव नहीं डालता. भारी हेलमेट से गर्दन पर अधिक भार पड…और पढ़ें
हेलमेट पहनते समय इन बातों का रखे ध्यान
हाइलाइट्स
- सही हेलमेट का चुनाव गर्दन और पीठ की सेहत के लिए जरूरी है.
- गलत मुद्रा से गर्दन और पीठ दर्द हो सकता है.
- लंबी यात्रा में हर 45-60 मिनट में ब्रेक लें.
भरतपुर:- मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट पहनना सुरक्षा के लिए अनिवार्य है. लेकिन अगर इसका सही चुनाव न किया जाए या सवारी के दौरान गलत मुद्रा अपनाई जाए, तो यह गर्दन दर्द का कारण बन सकता है. फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. बी.एन. शर्मा ने Bharat.one को बताया कि सही हेलमेट का चुनाव और सही तरीके से बैठने की आदत डालना गर्दन और पीठ की सेहत के लिए बेहद जरूरी है. अगर आप लंबे समय तक बाइक चलाते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका हेलमेट और मुद्रा सही हो, ताकि आपको गर्दन या पीठ में किसी तरह की परेशानी न हो.
डॉ. बी.एन. शर्मा बताते हैं कि हेलमेट चुनते समय सबसे पहले उसकी फिटिंग और डिज़ाइन पर ध्यान दें. हल्का वायुगतिकीय एयरोडायनामिक और सिर के आकार के अनुसार फिट होने वाला हेलमेट गर्दन पर अनावश्यक दबाव नहीं डालता. भारी हेलमेट से गर्दन पर अधिक भार पड़ता है, जिससे लंबे समय तक चलाने पर दर्द और अकड़न हो सकती है. साथ ही हेलमेट का वेंटिलेशन हवा पास होने की सुविधा भी सही होना चाहिए, ताकि आपको सिर पर ज्यादा गर्मी या पसीना न महसूस हो.
गलत मुद्रा बन सकती है दर्द का कारण
मोटरसाइकिल चलाते समय सही मुद्रा बनाए रखना बहुत जरूरी है. गलत मुद्रा न सिर्फ गर्दन दर्द, बल्कि पीठ दर्द का कारण भी बन सकती है. गर्दन और पीठ सीधी रखें, झुककर या जरूरत से ज्यादा पीछे झुककर बाइक चलाने से बचें, कंधों को तनावमुक्त रखें. अगर कंधे बहुत सख्त या ऊपर उठे रहेंगे, तो यह मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव डालेगा. हैंडलबार को सही तरीके से पकड़ें, बहुत ज्यादा झुककर या दूर रखकर पकड़ने से हाथों, कंधों और गर्दन पर तनाव बढ़ सकता है.
अगर आप लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं, तो हर 45 से 60 मिनट में एक बार ब्रेक लेना जरूरी है. इस दौरान थोड़ा टहलें और अपनी गर्दन को हल्के-हल्के स्ट्रेच करें और कुछ मिनटों के लिए रिलैक्स करें. इससे मांसपेशियों को राहत मिलेगी और आप दोबारा फ्रेश महसूस करेंगे. गर्दन और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से हल्के स्ट्रेचिंग और व्यायाम करें, जैसे गर्दन को धीरे-धीरे दाएं-बाएं घुमाएं, सिर को ऊपर-नीचे करें, ताकि गर्दन की मांसपेशियां सक्रिय रहें. कंधों को घुमाएं और हल्के-हल्के स्ट्रेच करें.
मांसपेशिय़ों में हो सकती है अकड़न
अगर फिर भी गर्दन में दर्द महसूस हो, तो कुछ घरेलू और चिकित्सीय उपाय मदद कर सकते हैं. हीट या कोल्ड थेरेपी गर्म या ठंडी सिकाई से मांसपेशियों की अकड़न कम होती है. हल्की मालिश गर्दन और कंधों की हल्की मसाज तनाव दूर करने में सहायक हो सकती है. इसके साथ ही अगर दर्द लगातार बना रहता है, तो फिजियोथेरेपी कराने से फायदा मिल सकता है. सही हेलमेट का चुनाव सही मुद्रा और नियमित व्यायाम से आप हेलमेट पहनकर भी गर्दन दर्द से बच सकते हैं. इन आसान लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाकर आप अपनी सवारी को सुरक्षित और आरामदायक बना सकते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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