Home Lifestyle Health RO वाटर प्यूरीफायर की सफाई और मेंटेनेंस के जरूरी उपाय

RO वाटर प्यूरीफायर की सफाई और मेंटेनेंस के जरूरी उपाय

0


Tips and tricks, आज के समय में ज़्यादातर लोग साफ पानी पीने के लिए RO (Reverse Osmosis) वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं, कि इसे नियमित रूप से साफ और मेंटेन न किया जाए तो ये सेहत के लिए फायदेमंद होने के वजाय हानिकारक भी हो सकता है.

RO से साफ दिखने वाला पानी भी अगर प्यूरीफायर गंदा हो तो बैक्टीरिया, केमिकल, और गंदगी से भरा हो सकता है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है.

RO वाटर प्यूरीफायर की सफाई कब और कितनी बार करानी चाहिए?

हर 3 से 6 महीने में:

प्रे-फिल्टर (Pre-Filter) को हर 3–6 महीने में बदलवाना चाहिए.
यह गंदगी और मिट्टी को रोकता है, जिससे RO की मुख्य झिल्ली खराब नहीं होती.

 हर 6 से 12 महीने में:

RO मेंब्रेन और कार्बन फिल्टर को 6–12 महीने में साफ या बदलवाना चाहिए.
ये फिल्टर ही असली काम करते हैं, बैक्टीरिया, हार्ड मिनरल्स, और केमिकल हटाने का.

 हर 12 महीने में:

पूरी RO मशीन की सर्विसिंग और डीप क्लीनिंग करानी चाहिए.

अगर पानी का स्वाद या रंग बदल जाए:

तुरंत प्यूरीफायर चेक करवाएं.
यह संकेत हो सकता है कि फिल्टर खराब हो चुका है.

अगर समय पर सफाई न कराई जाए तो क्या हो सकता है?
जोखिम असर

बैक्टीरिया का बढ़ना दस्त, उल्टी, टायफाइड जैसी बीमारियां.
केमिकल का फिल्टर न होना लीवर और किडनी पर असर.
पानी का स्वाद खराब मिनरल्स का असंतुलन.
फिल्टर चोक हो जाना RO पूरी तरह बंद भी हो सकता है.

 हेल्दी टिप:

RO में एक सर्विस इंडिकेटर या TDS मीटर लगवाएं, जिससे आप देख सकें कि पानी कितनी शुद्धता से आ रहा है.

अगर TDS बढ़ जाए या पानी का फ्लो धीमा हो जाए तो सर्विस करवाएं.

हर 6 महीने में RO की सर्विसिंग और साल में एक बार डीप क्लीनिंग जरूरी है, नहीं तो साफ पानी के नाम पर आप बीमारियों का पानी पी रहे होंगे.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/tips-and-tricks-how-often-should-ro-be-cleaned-for-good-health-otherwise-it-can-harm-your-health-ws-l-9573669.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version