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Meerut Historical Catholic Church: दिल्ली से महज 60 मिनट की दूरी पर मेरठ के सरधना में ऐतिहासिक कैथोलिक चर्च आज भी अपनी भव्यता को लेकर विश्व में पहचान बनाए हुए हैं. ताजमहल की तर्ज पर इसमें आपको वास्तुकला और संगमरमर का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. देश विदेश से सैलानी यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं.
अगर आप भी परिवार के साथ घूमने का प्लान बना रहे हैं. उसके लिए ऐसे स्थान की तलाश कर रहे हैं. जहां आप घूमकर 200 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत से रूबरू हो सके. तो ऐसे सभी लोगों के लिए मेरठ का सरधना काफी अच्छा साबित हो सकता है. जहां 200 साल पुरानी ऐतिहासिक कैथोलिक चर्च का दीदार कर सकते हैं. जो आज भी अपनी भव्यता को लेकर लोगों में विशेष पहचान बनाए हुए हैं. जी हां दरअसल दिल्ली से महज 80 किलोमीटर की दूरी पर यह चर्च ताजमहल की तर्ज पर ही विकसित की गई है.
इस ऐतिहासिक चर्च की अगर बात की जाए तो यह अपनी वास्तुकला और रोमन और पूर्वी सभ्यता के मिश्रण है. जिसमें गुंबद और मीनार इस चर्च की भव्यता को दर्शाती है. इस सच के निर्माण की अगर बात करें तो वर्ष 1809 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1822 अर्थात 11 साल में बनाकर यह चर्च तैयार हुई थी.
बताया जाता है कि उस दौर के सबसे महंगे मिस्त्री ने 25 पैसे रोज इसका मेहनताना लिया था. बेगम समरू द्वारा चर्च के निर्माण की जिम्मेदारी उस समय के मेजर एंथीनी रगलीनी को इसकी जिम्मेदारी दी थी. जो वास्तु और रोमन कला के अच्छे जानकार थे. उनके द्वारा इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी.
चर्च के बारे में कहा जाता है कि यहां जो माता मरियम की प्रतिमा लगी हुई है. वह काफी चमत्कारी है, जब चर्च का निर्माण कार्य चल रहा था. तब एक महिला अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए माता मरियम से प्रार्थना करने के लिए पहुंची थी. तब उसका बच्चा माता की कृपा मात्र से ही ठीक हो गया था. जिसका उपचार करने के लिए भी एक्सपर्ट की टीम द्वारा मन कर दिया गया था.
तब से लेकर अब तक यहां देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी ईसाई धर्म से संबंधित लोग बड़ी संख्या में माता मरियम के प्रार्थना करने के लिए पहुंचते हैं. इस परिसर को भी बेहद भव्य रूप से सजाया गया है. इसमें विभिन्न प्रकार की आपको ईसाई धर्म से संबंधित झलकियां दिखाई देगी. जो कहीं ना कहीं उसे समय की कलाकारी का अद्भुत संगम है.
ऐसे में अगर आप भी सरधना की ऐतिहासिक चर्च घूमना चाहते हैं. तो अब आपको घंटों तक बस या अन्य माध्यम से सफर करने की आवश्यकता नहीं है. आप सभी दिल्ली के न्यू अशोक नगर से नमो भारत ट्रेन के माध्यम से भी हाई स्पीड टेक्नोलॉजी का आनंद लेते हुए मेरठ पहुंच सकते हैं. जिसके बाद आपको मेरठ के भैसाली रोडवेज स्टैंड से सरधना के लिए आसानी से बस उपलब्ध हो जाएंगी.
फिर ऐसे सभी लोग इलेक्ट्रिक बस में सफर करते हुए सरधना की चर्च पहुंच सकते हैं. इसके लिए मात्र मेरठ से 45 रुपए से 50 रुपए का किराया यात्रियों से लिया जाता है. इसकी भव्यता लोगों को अपना दीवाना बना देती है. क्योंकि जिस तरह से ताजमहल के तक पर इसमें संगमरमर के पत्थर कलाकारी की गई है, वह अपने आप में अद्भुत है.
बताते चले कि सरधना के ऐतिहासिक चर्च घूमने के लिए प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में सैलानी देश विदेश से पहुंचते हैं. वहीं क्रिसमस के अवसर पर यहां यह संख्या हजारों की होती है. इसके लिए सर्च द्वारा भी विशेष रूप से इंतजाम किए जाते हैं. आकर्षक लाइटों से सरधना के ऐतिहासिक चर्च और परिसर को सजाया जाता है.
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