Last Updated:
नैनीताल के पास स्थित एक छोटा सा कस्बा आलूखेत, अपनी सुंदरता और शांत वातावरण के लिए धीरे-धीरे पर्यटकों के बीच पहचान बना रहा है. चारों ओर फैली हरियाली, पहाड़ों पर उतरता कोहरा और बारिश के बाद बिछी मखमली घास इसे किसी जन्नत से कम नहीं बनाते. खासकर बरसात के मौसम में आलूखेत का हर कोना किसी बुग्याल की तरह नजर आता है. आइए, तस्वीरों के जरिए देखें आलूखेत के वो मनमोहक नज़ारे जो हर प्रकृति प्रेमी के दिल को छू लेंगे.
नैनीताल से मात्र 4 किमी दूर स्थित आलूखेत एक ऐसी जगह है जो अब तक अधिकतर पर्यटकों की नजरों से छुपी रही है. बारिश के मौसम में जब पहाड़ियों पर कोहरा उतरता है और देवदार व बांज के पेड़ों से घिरा यह इलाका हरियाली से लिपट जाता है, तो यहां का नज़ारा किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता. नैनीताल के प्रसिद्ध स्थलों की भीड़ से दूर यह स्थान शांति चाहने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
बरसात के बाद आलूखेत की धरती हरे मखमली चादर जैसी दिखने लगती है. टहलते हुए आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी बुग्याल में चल रहे हों. बादलों की परतें जब पहाड़ियों को छूती हुई आगे बढ़ती हैं तो एक अलौकिक दृश्य बनता है. प्राकृतिक प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह जगह किसी ड्रीम लोकेशन से कम नहीं.
आलूखेत के चारों ओर फैले घने जंगलों में देवदार, सुरई और बांज के वृक्षों का साम्राज्य है. ये पेड़ न केवल इस क्षेत्र की हरियाली को बढ़ाते हैं, बल्कि यहां का ऑक्सीजन स्तर भी बेहद शुद्ध बनाए रखते हैं. सुबह-सुबह की धुंध और इन पेड़ों के बीच से छनकर आती धूप एक अलग ही ऊर्जा से भर देती है.
आलूखेत की पहाड़ी चोटी पर स्थित वैष्णों देवी मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है. यहां हर साल नवरात्र और शिवरात्रि पर विशाल भंडारे आयोजित होते हैं. मंदिर तक पहुंचने का रास्ता छोटा जरूर है, लेकिन, वहां पहुंचकर जो आध्यात्मिक शांति मिलती है, वह अविस्मरणीय होती है. आसपास के गांवों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं.
आलूखेत से दिखाई देने वाले नज़ारे किसी व्यू पॉइंट से कम नहीं. यहां से नैनीताल, खुर्पाताल, जंगलिया गांव, मुक्तेश्वर, हल्द्वानी, काशीपुर और यहां तक कि नानकमत्ता डैम तक के दृश्य बेहद साफ नजर आते हैं. कैमरे में कैद करने लायक इन दृश्यों में आपको प्रकृति के कई खूबसूरत रंग देखने को मिलेंगे. बारिश के बाद ये जगह और भी सुंदर दिखती है.
आलूखेत सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक ग्रामसभा भी है. यहां के लोग सादगी भरे जीवन में रमे हैं और प्रकृति से गहरे जुड़े हुए हैं. उनके खेत, उनके घर और उनकी संस्कृति इस जगह को और अधिक सुंदर बनाती है. यहां का ग्रामीण जीवन पर्यटकों को शहरी हलचल से एक सुकूनभरा ब्रेक देता है.
हालांकि आलूखेत अभी मुख्यधारा पर्यटन का हिस्सा नहीं बना है, लेकिन जो लोग ऑफबीट ट्रैवल पसंद करते हैं, वे यहां आने लगे हैं. कुछ पर्यटक यहां ट्रेकिंग करते हुए या स्थानीयों से इस जगह के बारे में सुनकर पहुंचते हैं और यहां की खूबसूरती में खो जाते हैं. धीरे-धीरे आलूखेत का नाम लोग जान रहे हैं. मानसून में यहां से दिखने वाले दिलकश नज़ारे सुकून देते हैं.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/travel-aalukhet-village-near-nainital-look-no-less-than-heaven-see-pictures-nainital-ki-best-jagah-local18-ws-kl-9413944.html