Home Astrology Mercury in 6th house effects। छठे भाव में बुध ग्रह के प्रभाव

Mercury in 6th house effects। छठे भाव में बुध ग्रह के प्रभाव

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Mercury In 6th House: कुंडली में बुध ग्रह बुद्धि, समझ, बोलने की क्षमता, व्यापार, गणना और तर्क का कारक माना जाता है, ये इंसान की सोचने की ताकत और व्यवहार दोनों को प्रभावित करता है. जब ये ग्रह अच्छे भाव में हो, तो व्यक्ति की बातें असरदार होती हैं, दिमाग तेज चलता है और काम में सूझबूझ दिखाई देती है, लेकिन जब बुध छठे भाव में बैठता है, तब इसका असर थोड़ा उलझा हुआ नजर आता है. छठा भाव शत्रु, रोग, ऋण और मुकदमे से जुड़ा होता है. ऐसे में बुध जैसी बुद्धि देने वाली ग्रह ऊर्जा जब इस घर में आती है, तो व्यक्ति की सोच बहुत तेज तो होती है लेकिन कई बार वह छोटी-छोटी बातों में उलझा रहता है. इस स्थिति में व्यक्ति अपने विरोधियों को हराने में माहिर होता है, लेकिन मानसिक तनाव और चिंता उसे बार-बार घेर सकते हैं. बुध छठे भाव में मजबूत हो तो व्यक्ति विवादों में जीत हासिल करता है, लेकिन कमजोर हो जाए तो शत्रु, बीमारी या गलत सलाह से नुकसान झेलना पड़ सकता है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि बुध के छठे भाव में होने से क्या-क्या परिणाम मिलते हैं इसके अच्छे और बुरे दोनों रूपों में और कौन से आसान उपाय अपनाकर इसकी स्थिति को बेहतर किया जा सकता है.

बुध छठे भाव में होने के सकारात्मक प्रभाव
1. तेज बुद्धि और समझदारी – इस भाव में बुध अगर मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति बेहद समझदार और चतुर होता है, ये लोग किसी भी समस्या को दिमाग से हल करने में माहिर होते हैं.

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2. शत्रु पर विजय – छठा भाव दुश्मनों से जुड़ा है, और बुध की बुद्धिमानी व्यक्ति को अपने विरोधियों को हराने की क्षमता देती है.
3. कानूनी मामलों में सफलता – यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध यहां मजबूत हो, तो उसे कोर्ट केस, वाद-विवाद या प्रतियोगी परीक्षा में जीत की संभावना रहती है.
4. सेवा या हेल्थ सेक्टर में लाभ – ऐसे जातक डॉक्टर, वकील, अकाउंटेंट या सलाहकार के रूप में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
5. ध्यान और रणनीति में माहिर – इन लोगों को परिस्थितियों का सही आकलन करने की कला आती है, जिससे ये दूसरों को मात दे सकते हैं.

बुध छठे भाव में फल

बुध छठे भाव के नकारात्मक प्रभाव
1. मानसिक बेचैनी और तनाव – अगर बुध कमजोर हो तो व्यक्ति ज्यादा सोचने की वजह से खुद को परेशान करता है. छोटी बातों में टेंशन लेता है और निर्णय लेने में देर करता है.
2. गलत सलाह या धोखा – इस भाव का कमजोर बुध व्यक्ति को दूसरों के कहने पर चलने वाला बना सकता है, जिससे नुकसान होता है.
3. स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या – त्वचा, पेट, नर्व सिस्टम या तनाव से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं.

4. बहस करने की आदत – ऐसे लोग हर बात में तर्क करना पसंद करते हैं, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है.
5. कर्ज या मुकदमे में फंसना – यदि बुध पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो इंसान अनचाहे झगड़ों या कर्ज के जाल में उलझ सकता है.

छठे भाव में बुध को मजबूत करने के उपाय
1. बुधवार के दिन पूजा करें – इस दिन हरे कपड़े पहनें, हरा मूंग दान करें और भगवान गणेश की आराधना करें.
2. तुलसी का पौधा लगाएं – रोज सुबह तुलसी को जल दें, इससे बुध ग्रह की स्थिति बेहतर होती है.
3. पन्ना रत्न धारण करें – योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर पन्ना (Emerald) धारण किया जा सकता है, लेकिन ये तभी करें जब कुंडली इसकी अनुमति दे.
4. मंत्र जाप – “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का जाप रोज 108 बार करें.
5. लेखन या गणना से जुड़े काम करें – बुध ग्रह बुद्धि और संचार का प्रतीक है, इसलिए लेखन, बोलने या विश्लेषण से जुड़े काम करने से इसका असर बढ़ता है.


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