कन्या पूजा के नियम
2. कन्या पूजा के लिए आप 1 से लेकर 9 तक की संख्या में कन्या पूजा कर सकते हैं.
3. कन्या पूजा के लिए कन्या की उम्र 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक हो सकता है.
4. पूजा के समय कन्याओं के साथ एक बालक भी होना चाहिए.
कन्या पूजा विधि
1. दुर्गा अष्टमी या महानवमी पर जब आपको कन्या पूजा करनी है, तो उससे पहले मां महागौरी या मां सिद्धिदात्री की पूजा कर लें. उसके बाद ही कन्या पूजा करें.
2. कन्या पूजा के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार 1 से लेकर 9 तक की संख्या में कन्याओं और 1 बालक को आमंत्रित करें.
3. उनके आगमन पर शंख, घंटी, फूल, माला आदि से उनका स्वागत करें.
4. कन्याओं और बालक को बैठने के लिए आसन दें. बैठने के बाद पानी से उनके पैर धोएं.
5. अब आप अक्षत्, फूल, माला, चुनरी और चंदन या कुमकुम से उनका पूजन करें. उनको तिलक लगाएं.
6. कन्याओं और बालक को पूड़ी, खीर, नारियल, हलवा, काला चना भोजन के लिए परोसें और खाने का निवदेन करें.
7. भोजन कर लेने के बाद उनको कुछ उपहार और दक्षिणा दें. उसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लें. उनको अगले साल फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें.
कन्या पूजा के फायदे
1. दो साल की कन्या के पूजन से धन और ऐश्वर्य मिलता है.
2. तीन साल की कन्या की पूजा से धन और धान्य बढ़ता है.
3. चार साल की कन्या के पूजन से परिवार का कल्याण होता है.
4. पांच साल की कन्या की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है.
5. छह साल की कन्या के पूजन से राजयोग मिलेगा. विद्या और विजय की प्राप्ति होगी.
6. सात साल की कन्या की पूजा से ऐश्वर्य मिलता है.
7. आठ साल की कन्या के पूजन से कोर्ट और कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है.
8. नौ साल की कन्या पूजन से दुश्मनों पर विजय मिलती है.
9. 10 साल की कन्याओं की पूजा से हर प्रकार की शुभ मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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