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बहुत पवित्र हैं ये चमत्कारी पत्ते…पितृ दोष करते हैं दूर! इनके बिना अधूरी मानी जाती है पूजा

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उत्तराखंड: उत्तराखंड के कण-कण में देवी-देवता निवास करते हैं. देवी-देवताओं को खुश करने के लिए यहां कई तरीके अपनाएं जाते हैं. पहाड़ में पाए जाने वाले पेड़-पौधों को भी आस्था का प्रतीक माना जाता है. ऐसा ही एक धार्मिक महत्व से जुड़ा हुआ पौधा तिमिल का है. जिसके पत्तों का पूजा के विधि-विधान में विशेष महत्व है. इसकी खास बात यह है कि इसके पत्ते में भगवान को भोग लगाया जाता है.

तिमिल के पत्ते हैं खास
इसे पहाड़ में पूजा-पाठ के लिए साफ माना जाता है. तिमिल के पत्ते को पहाड़ में शादी, पूजा-पाठ, जागर, घनाई, नामकरण, यहां तक की श्राद्ध की पूजा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. यह पेड़ अधिकतर पहाड़ की गर्म घाटियों में उगते हैं. भगवान को भोग लगाने के अलावा इसके पत्ते में आम लोग भी खाना खा सकते हैं.

होते हैं बहुत पवित्र
Bharat.one से खास बातचीत करते हुए पंडित कैलाश उपाध्याय बताते हैं कि धार्मिक कार्यक्रमों में तिमिल के पत्तों का महत्व पौराणिक काल से ही चला आ रहा है. पहाड़ में सभी प्रकार की पूजा के लिए तिमिल के पत्ते का प्रयोग किया जाता है. इस पत्ते को पवित्र माना जाता है. जहां भी धार्मिक कार्य होते हैं, वहां पहले तिमिल का पत्ता मंगाया जाता है. तिमिल के पत्ते का प्रत्येक देवता को पूजने और पितृ कार्य में इस्तेमाल होता है.

तिमिल के पत्ते का धार्मिक महत्व 
तिमिल के पत्ते का विशेष धार्मिक महत्व है. इसके पत्ते का इस्तेमाल शादियों और पूजा-पाठ में शुद्ध माना जाता है. तिमिल के पत्ते से पेड़ और डोंगे बनाएं जाते हैं. तिमिल के पत्ते की धार्मिक मान्यताएं काफी प्रसिद्ध हैं. इसकी पत्तियों को आपस में जोड़कर पत्तल बनाए जाता है. श्राद्ध के दौरान इन्हीं पत्तलों में पितरों को भोग लगाया जाता है. आज भी ब्राह्मण पूजा-पाठ में इन पत्तों का इस्तेमाल होता हैं. इसके पत्ते हिंदू संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. तिमिल जैव विविधता के दृष्टिकोण से भी खास पेड़ है.

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तिमिल के पत्ते का इस्तेमाल 
पहाड़ के लोगों का मानना है कि तिमिल के पत्ते का पूजा-पाठ में इस्तेमाल करने से भगवान प्रसन्न होते हैं, और तमिल के पत्ते को पेड़ से तुरंत तोड़कर पूजा में शामिल करने से इसे शुद्ध माना जाता है. हालांकि इन दोनों अब बाजार में भी तिमिल के पेड़ और डोंगे मिलने लग गए है, लेकिन पहाड़ के लोग अब भी फ्रेश पत्तों से ही जुड़े और डोंगे बनना पसंद करते हैं. इसके पत्तों का पूजा से पहले ही इंतजाम किया जाता है.

कहां मिलेंगे तिमिल के पत्ते 
पहाड़ में आमतौर पर गर्म और ठंडे दोनों क्षेत्रों में तिमिल के पत्ते आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. पहाड़ी लोग बिना इस पत्तों के पूजा नहीं करते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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