Home Dharma Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा में छप्पन भोग का महत्व और परंपरा जानें.

Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा में छप्पन भोग का महत्व और परंपरा जानें.

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Govardhan Puja Chhappan Bhog Food list: गोवर्धन पूजा का दिन दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट या छप्पन भोग पर्व भी कहा जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 तरह के व्यंजन यानी ‘छप्पन भोग’ अर्पित किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने इंद्र देव के कोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था, तब सात दिनों तक ब्रजवासी भोजन नहीं कर पाए थे. सात दिन बाद जब सब कुछ सामान्य हुआ, तब लोगों ने भगवान को धन्यवाद स्वरूप 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर अर्पित किए. तभी से छप्पन भोग चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी श्रद्धा और प्रेम के साथ निभाई जाती है.

छप्पन भोग में शामिल व्यंजन बहुत विविध होते हैं. इसमें मीठे से लेकर नमकीन, फल से लेकर अनाज तक सब कुछ शामिल होता है. भोग में आमतौर पर पूड़ी, खीर, हलवा, लड्डू, दही-बड़ा, पापड़, चटनी, सेव, नमकीन, रबड़ी, माखन-मिश्री, फल, और तरह-तरह की सब्जियां होती हैं. कुछ स्थानों पर दूध से बने व्यंजन जैसे मावा, पेड़ा, रसगुल्ला, मालपुआ, दूधपुरी भी शामिल किए जाते हैं. इन सभी व्यंजनों को शुद्ध घी और सात्विक सामग्री से तैयार किया जाता है. इसका उद्देश्य सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और आभार व्यक्त करना होता है.

गोवर्धन पूजा में छप्पन भोग चढ़ाने का आध्यात्मिक महत्व भी गहरा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण को अन्न और स्वादिष्ट भोजन अत्यंत प्रिय हैं. यह पूजा हमें यह सिखाती है कि भोजन सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है. साथ ही, छप्पन भोग में हर तरह के अनाज, फल, सब्जियां और दूध उत्पाद शामिल करने का उद्देश्य यह भी है कि जीवन में संतुलन और विविधता बनी रहे. इस दिन लोग घरों में या मंदिरों में गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर उसकी पूजा करते हैं और फिर छप्पन भोग का प्रसाद सबके बीच बांटा जाता है.

आधुनिक समय में भी छप्पन भोग की परंपरा बड़े धूमधाम से निभाई जाती है. कई मंदिरों में सैकड़ों भक्त एकत्र होकर भगवान को ये व्यंजन अर्पित करते हैं. लोग घर पर भी अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ खास व्यंजन बनाकर कृष्ण जी को अर्पित करते हैं. माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से गोवर्धन पूजा करता है और भगवान को छप्पन भोग चढ़ाता है, उसके जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं होती. इसलिए यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से भी बेहद खास है, जो हमें सिखाता है कि आभार, प्रेम और साझा भोजन से ही जीवन में सच्ची समृद्धि आती है.

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