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Navratri 2025: मिर्जापुर में नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन पेठा व लौकी के भोग से किया जाता है, जिससे शत्रुओं पर विजय और सुख समृद्धि प्राप्त होती है, पं. अनुपम महराज ने बताया.
विंध्यधाम के विद्यवान आचार्य पं. अनुपम महराज ने Bharat.one से बताया कि नवरात्रि मां के पूजन के लिए विशेष माना जाता है. अलग-अलग दिन मां के अलग स्वरूप का पूजन व अर्चन होता है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन व अर्चन होता है. मां की आठ भुजाएं हैं और मां शेर पर सवार है. अद्भुत व अलौकिक मां अमृत कलश लेकर कमंडल में विराजमान है. मां त्रिपुरसुंदरी है और राजराजेश्वरी है. आज मां का विशेष पूजन करना चाहिए और श्रृंगार करना चाहिए. साथ में कुष्मांड सफेद कोहड़ा का बलि देना चाहिए और लाल चंदन लगाना चाहिए. इससे शत्रुओं पर विजय मिलता है और हर काम में लक्ष्य को भेदने की क्षमता बढ़ती है.
पं. अनुपम महराज ने बताया कि चौथे दिन मां कुष्मांडा को पेठा का भोग लगाना चाहिए. पेठा का भोग लगाने से मां अवश्य प्रसन्न होती है. भोग लगाने के बाद उसे भक्तों में बांट देना चाहिए. आज के दिन मां को लौकी का हलवा या लौकी का खीर बनाकर भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से मां खुश होती है और भक्तों को सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य प्राप्त करती है. इसके साथ ही जो प्रसाद को ग्रहण करता है. उसको हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और हर लक्ष्य पर विजय प्राप्त करता है. चौथे दिन मां का विशेष पूजन करके सफलता को प्राप्त कर सकते हैं.
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस…और पढ़ें
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस… और पढ़ें