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Santan Saptami 2025: 30 या 31 अगस्त कब मनाई जाएगी संतान सप्तमी? आचार्य से जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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Santan Saptami Vrat 2025: धार्मिक मान्यता के अनुसार, संतान सप्तमी के दिन भगवान सूर्य, माता पार्वती और भोले शंकर की विधि-विधान पूर्वक पूजा-आराधना की जाती है.

Santan Saptami 2025: हिंदू पंचांग में हर तिथि, हर वार का अत्यधिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है. वैसे ही भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को संतान सप्तमी कहा जाता है. इसी प्रकार भाद्रपद माह में आने वाली इस संतान सप्तमी का बड़ा अधिक महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, संतान सप्तमी के दिन भगवान सूर्य, माता पार्वती और भोले शंकर की विधि-विधान पूर्वक पूजा-आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत करने से संतान का स्वास्थ्य, भाग्य और जीवन खुशियों से भर जाता है.

आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं इस बार की तिथि व शुभ मुहूर्त. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस तिथि की शुरुआत 29 अगस्त, रात 8:25 के लगभग शुरू होगी. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 30 अगस्त, रात 10:46 के लगभग समाप्त होगी. इसके अनुसार 2025 में संतान सप्तमी व्रत 30 अगस्त 2025, रविवार को मनाया जाएगा.

संतान सप्तमी व्रत का महत्व
संतान सप्तमी व्रत संतान और उसकी मंगलकामना के लिए रखा जाता है. इस व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है. इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं. संतान सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की भी पूजा की जाती है. संतान की सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को सबसे उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है, संतान दीर्घायु होती है और उनके सभी दुखों का नाश होता है.

जानिए पूजन विधि
– सबसे पहले सुबह-सुबह उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा करें. साथ में भगवान शंकर के पूरे परिवार और नारायण के पूरे परिवार की भी पूजा करें. निराहार सप्तमी व्रत का संकल्प लें.
– दोपहर में चौक पूरकर चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, सुपारी तथा नारियल आदि से फिर से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करें.
– सप्तमी तिथि के व्रत में नैवेद्य के रूप में खीर-पूरी तथा गुड़ के पुए बनाए जाते हैं.
– संतान की रक्षा की कामना करते हुए शिवजी को कलावा चढ़ाएं और बाद में इसे खुद धारण करें. इसके बाद व्रत कथा सुनें.

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30 या 31 अगस्त कब मनाई जाएगी संतान सप्तमी? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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