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Pitru Paksha Last Day: पितृ पक्ष के अंतिम दिन तर्पण, पंचबलि, पितृ देव अर्यमा की पूजा, पितृ सूक्त पाठ, अन्न और गाय का दान करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.

Pitru Paksha Last Day: सर्व पितृ अमावस्या या महालया अमावस्या पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है. पितृ पक्ष का प्रारंभ अश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि से होता है. इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, दान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि आदि करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष 14, 15 या 16 दिनों का होता है. तिथियों के कम या ज्यादा होने पर इसके दिन घट या बढ़ जाते हैं. इस बार पितृ पक्ष 14 दिन चलेंगे. इस दौरान लोग पितरों को प्रसन्न करने के लिए लोग कई उपाय करते हैं. लेकिन, पितृ पक्ष के अंतिम दिन के कुछ उपाय अधिक कारगर हो सकते हैं. अब सवाल है कि आखिर पितृ पक्ष के अंतिम दिन क्या करना चाहिए? सर्व पितृ अमावस्या के उपाय क्या हैं? आइए जानते हैं इस बारे में-
नाराज पितरों को खुश करने के उपाय
तर्पण करें: सर्व पितृ अमावस्या या पितृ पक्ष के अंतिम दिन कुछ उपाय करने से नाराज पितर खुश होते हैं. इसके लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद अपने पितरों को जल, सफेद फूल, काले तिल से कुशा का उपयोग कर उसके पोरों से तर्पण दें. कुशा के पोरों से दिया गया तर्पण पितरों को प्राप्त होता है और वे तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं.
पंचबलि कर्म: सर्व पितृ अमावस्या के अवसर पर आप अपने पितरों के लिए पंचबलि कर्म जरूर करें. इसमें आपको भोजन बनाकर उसका कुछ अंश कौआ, गाय, कुत्ता आदि को खिलाना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों को भोजन का अंश कौआ, गाय, कुत्ता आदि के माध्यम से उन तक पहुंचता है. उसे पाकर वे तृप्त होते हैं और प्रसन्न रहते हैं.
पितृ सूक्त पाठ: नाराज पितरों को खुश करने के लिए आपको पितरों के देव अर्यमा की पूजा करनी चाहिए. उसके बाद पितृ सूक्त का पाठ करना चाहिए. इससे पितर खुश होते हैं और अपनी संतान को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
अन्न दान: पितृ ऋण या पितृ दोष से मुक्ति के लिए आपको सर्व पितृ अमावस्या के दिन अन्न का दान जरूर करना चाहिए. अन्न का दान करने से पितर तृप्त होते हैं और खुश होकर आपकी उन्नति का आशीर्वाद देंगे.
गाय का दान: गरुड़ पुराण और प्रेत मंजरी के अनुसार, अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए आप उनके नाम से गाय का दान कर सकते हैं. गाय दान करने से पितर वैतरणी नदी पार करने में सफल होते हैं. वे कष्टों से मुक्ति पाते हैं.
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