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जयपुर में लेना है मिर्च टपोरे का स्वाद तो पहुंच जाइए यहां, 150 वर्षो से स्वाद का क्रेज है बरकरार

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Jaipur Famous Street Food Mirch Tapore:150 साल पहले रामप्रताप झालानी और नारायण रावत दोनों हलवाई का काम करते थे. इस दौरान हरी मिर्च के साथ सामान्य मिर्च टपोरे से अलग हटकर सीक्रेट मसालों के साथ मिर्च टपोरे तैयार …और पढ़ें

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टपोरेवालाज की दुकान पर तैयार मिर्च टपोरे. 

हाइलाइट्स

  • जयपुर में 150 साल पुरानी मिर्च टपोरे की दुकान प्रसिद्ध है.
  • त्रिपोलिया गेट के पास खुंटेटा के रास्ता में स्थित है.
  • मिर्च टपोरे 10-20 रुपये में मिलते हैं.

जयपुर. राजधानी जयपुर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए जितना फेमस है, उतना ही यहां के वर्षों पुराने जायके के लिए भी प्रसिद्ध है. जयपुर के चारदीवारी बाजार की छोटी-छोटी गलियों में अनोखे जायके का स्वाद वर्षों बाद आज भी बरकरार है. ऐसे ही जयपुर के चारदीवारी बाजार के त्रिपोलिया गेट के पास खुंटेटा के रास्ता के अंदर का 150 साल पुरानी मिर्च टपोरे की दुकान है, जो पूरे जयपुर में टपोरेवालाज के नाम से प्रसिद्ध है.

यहां जहां चटपटे और मसालेदार मिर्च टपोरे का स्वाद लेने वालों की भीड़ उमड़ती है. आपको बता दें कि टपोरेवालाज की शुरुआत रामप्रताप झालानी और नारायण जी रावत ने की थी. 150 साल बाद तक कृष्ण कुमार झालानी ने मिर्च टपोरे का स्वाद बरकरार रखा है.

 हुई थी दुकान

कृष्ण कुमार झालानी बताते हैं कि रामप्रताप झालानी और नारायण रावत दोनों हलवाई का काम करते थे. बाद में हरी मिर्च के साथ सामान्य मिर्च टपोरे से अलग हटकर सीक्रेट मसालों के साथ मिर्च टपोरे तैयार किए, जिसका स्वाद लोगों को खूब पंसद आया. तब से आज तक यहां के मिर्च टपोरे पूरे जयपुर में फेमस है. आज भी लोगों दूर-दूर से सिर्फ मिर्च टपोरे खरीदने के लिए आते हैं. कृष्ण कुमार झालानी बताते हैं कि जब जयपुर की बसावट हुए थी, तब यहां का भव्य मार्केट ऐसा नहीं था. सभी दुकानें ऐसे ही खुले रूप में चलती थी, तो उनके दादा रामप्रताप झालानी और नारायण जी रावत भी एक पत्थर की पट्टी पर से दुकान की शुरुआत की थी.

10 से 20 रूपए में मिल जाएंगे मिर्च टपोरे

कृष्ण कुमार झालानी बताते हैं कि यहां मालपूए, देसी घी का हलवा, कचौड़ी, लड्डू, पूड़ी-सब्जी, कलाकंद बनते थे. बाद में मिर्च टपोरे का जायका तैयार हुआ, जिसका स्वाद आज भी वैसे का वैसा बरकरार है. झालानी बताते हैं कि उस समय दुकान पर मिर्च टपोरे की शुरुआत मजदूर लोगों के लिए की थी, क्योंकि जयपुर में काम करने वाले लोग घर से रोटी लेकर आते थे, लेकिन उनके पास सब्जी नहीं होती थी. इसी तरह उन लोगों के लिए मिर्च टपोरे बनाने शुरू किए, जिसकी किमत बिल्कुल कम होती थी और लोग आसानी से खरीद लेते थे और आज भी हमारे यहां मिर्च टपोरे 10-20 में मिल जाते हैं.

मिर्च के टपोरे का लाजवाब है स्वाद

झालानी बताते हैं यहां तैयार होने वाली मिर्च टपोरों में स्वाद आज भी बरकरार इसलिए है, क्योंकि जो रेसीपी दादाजी ने तैयार की, वैसे ही हम तैयार करते हैं. मिर्च टपोरे में खासतौर पर हरी देसी मिर्च, सौंफ, हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च और अमचूर जैसी सामग्री के साथ सोयाबीन के तेल में इन्हें पकाया जाता है. साथ ही सभी मसालों के पकने के टाइमिंग से ही टपोरे में स्वाद आता है. टपोरेवालाज पर सुबह 8 बजे टपोरे एक बार में भर तक तैयार किए जाते हैं, जिसके बाद लोग दिनभर उनका स्वाद लेते हैं. टपोरेवालाज के टपोरों में एक बात सबसे खास हैं कि इन्हें बिना प्याज-लहसुन के तैयार किया जाता है, फिर भी इनका स्वाद लाजवाब होता है. दुकान के आस-पास के लोग बताते हैं कि बचपन से ही यहां के मिर्च टपोरे का स्वाद लिया है, इसलिए अब उन्हें हर दिन यहां के टपोरों की आदत हो गई है.

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150 वर्ष पुराने दुकान की मिर्च टपोरे का स्वाद है लाजवाब, लोगों की लगती है लाइन


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