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कंटीली झाड़ियों वाला ये पौधा है दवाओं का भंडार… दर्द, बुखार का ‘काल’ ! गायब कर देगा मोटापा – Uttar Pradesh News

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Use Of Achyranthes Aspera : आमतौर पर खेतों और रास्तों के किनारे उगने वाला अपमार्ग (Achyranthes aspera) एक जंगली पौधा लगता है, लेकिन इसके भीतर छिपे अनेक औषधीय गुण हैं. आयुर्वेद में इसे दर्द, बुखार, त्वचा रोग, और मोटापे जैसी समस्याओं के इलाज में वरदान माना गया है. इसकी जड़, पत्तियां और बीज कई आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किए जाते हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं.

हमारा भारत देश पुरातन काल से ही आयुर्वेद का जनक कहा जाता है. गंभीर से गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए पुरातन काल से ही भारतवासी आयुर्वेद अधिक औषधि का ही इस्तेमाल करते रहे हैं. आयुर्वेद में वनस्पतियों के विविध स्वरूपों का रोग चिकित्सा के लिए उपयोग किया जाता है. यूं तो भारत में बहुत सारी वनस्पतियां अथवा जड़ी बूटियां है जो विभिन्न रोगों के उपचार के लिए पृथक पृथक स्वरूपों में प्रयोग में लाई जाती हैं.

प्रत्येक वानस्पतिक औषधि का अपना एक अलग ही महत्व है. परंतु कुछ वानस्पतिक जड़ी बूटियां मानव जीवन के लिए अत्यधिक लाभदायक हैं. जिनका प्रयोग करने से शरीर में होने वाले विभिन्न बीमारियों से लोगों को राहत देने में सहायक होती हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही वानस्पतिक औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जो मुख्यत:जंगलों में पाई जाती है.जी हां, हम बात कर रहे हैं औंघा या अपामार्ग की जिसे समन्यताय: बोल चाल की भाषा में लोग लटजीरा के नाम से जानते हैं.

यह पौधा ग्रामीण अंचल क्षेत्र में खरपतवार के रूप में अत्यधिक देखने को मिलता है. इस पौधे का प्रत्येक भाग उपयोगी होता है.इस कंटीले पौधे की खास बात यह है कि इसके संपर्क में आने से इसके कांटे आपके हाथ पैर एवं कपड़ों पर चिपक जाते हैं. आयुष चिकित्सक डॉ स्मिता श्रीवास्तव के मुताबिक अपामार्ग यानी की लटजीरा ग्रामीण अंचल क्षेत्र में देखने को मिलता है. जिसे आम लोग खरपतवार के रूप में ही जानते हैं.

परंतु आयुर्वेद में इसका उपयोग कई बीमारियों को दूर करने में प्रयोग में लाया जाता है. परंतु, इसमें भी सबसे फायदेमंद इस पौधे की जड़ होती है जो दांतों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है .

डॉ स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण अंचल क्षेत्र में पाया जाने वाला औंघा यानी की अपामार्ग को समन्यतायः लोग खरपतवार के रूप में ही जानते है. लेकिन यह एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है.

अपामार्ग खाने से ताकत आती है. यह पाचनशक्ति बढ़ाने के लिए यह पौधा काफी फायदेमंद है. इसके बीजों को पीसकर गर्म करने से और दर्द वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है. इसके बीजों की खीर बनाकर खाने से कई दिन तक भूख नहीं लगती और शरीर कमजोर नहीं होता है, साथ ही मोटापा दूर करने में मददगार होता है.

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कंटीली झाड़ियों वाला ये पौधा है दवाओं का भंडार… दर्द, बुखार का ‘काल’ !


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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-apamarg-plant-identification-medicinal-properties-of-achyranthes-aspera-in-hindi-local18-9818609.html

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