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गठिया-जोड़ों के दर्द से हैं परेशान, तो अपनाएं ये उपाय, मिल जाएगी राहत, डाॅक्टर से जानिए इलाज और कारण

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Health Tips: अलीगढ़ में डॉ अरीबा सैयद ने गठिया के तीन प्रकार Rheumatoid Arthritis, Osteoarthritis और Gout के कारण व बचाव के उपाय बताए, जिसमें एक्सरसाइज और सही खानपान पर जोर दिया गया है.

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वसीम अहमद / अलीगढ़. बढ़ती उम्र,अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान के चलते आजकल हर घर के लोगों में जोड़ों का दर्द आम समस्या बन चुका है. कई बार यह दर्द धीरे-धीरे गठिया यानी कि अर्थराइटिस का रूप ले लेता है. जिससे उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है. यह बीमारी न सिर्फ बुजुर्गों में बल्कि युवाओं में भी अब तेजी से बढ़ रही है. आइये जानते हैं फिजियोथैरेपिस्ट डॉ अरीबा सैयद के अनुसार गठिया के कारण और इसका उपचार. जानकारी देते हुए कंसलटेंट फिजियोथेरपिस्ट डॉ. अरीबा सैयद बताती हैं कि गठिया दरअसल जोड़ों के सूजन और दर्द की स्थिति होती है. मेडिकल भाषा में इसे अर्थराइटिस कहा जाता है. इसमें जोड़ों के बीच मौजूद कार्टिलेज घिसने लगता है, जिससे हड्डियाँ आपस में टकराने लगती हैं, जिससे दर्द महसूस होने लगता है और चलने-फिरने में तकलीफ होने लगती है.

डॉ अरीबा के अनुसार, गठिया के तीन मुख्य प्रकार होते हैं. पहला रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) यह एक ऑटोइम्यून डिज़ीज़ है, जिसमें शरीर के इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों को नुकसान पहुँचाने लगता है. यह बीमारी अक्सर कम उम्र में यानी 16 से 17 साल के बीच, शुरू हो जाती है और लंबे समय तक बनी रहती है. दूसरी ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) यह जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है, जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते, ज़्यादा वज़न रखते हैं या घंटों एक ही जगह बैठे रहते हैं, उनमें यह अधिक देखने को मिलती है. तीसरी है गाउट (Gout). जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है. इससे जोड़ों में दर्द, सूजन और छोटी-छोटी गांठें बन जाती हैं. इसकी शुरुआत आमतौर पर पैर के अंगूठे से होती है.

डॉ. अरीबा सैयद बताती हैं कि गठिया से बचाव के लिए नियमित रूप से हल्की-फुल्की एरोबिक एक्सरसाइज या वॉक सबसे अच्छा उपाय है. खेलकूद या किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी शरीर के जोड़ों को सक्रिय रखती है और गठिया के खतरे को कम करती है. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की मालिश गठिया के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि इससे जोड़ों की अकड़न और बढ़ सकती है. इसके बजाय ब्रिदिंग एक्सरसाइज, पेल्विक ड्रिल और घुटनों की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए. खानपान पर जोर देते हुए डॉ. अरीबा कहती हैं कि रोज़ाना दूध पिएं, धूप में वॉक करें ताकि विटामिन D की कमी न हो. हरी सब्जियां, पालक और मौसमी फल आहार में शामिल करें. ये शरीर को मज़बूती देने के साथ जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखते हैं.

Lalit Bhatt

पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल…और पढ़ें

पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल… और पढ़ें

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