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बच्चों की आंखों की दुश्मन हैं ये 3 चीजें, पुतली हो जाती है डैमेज, सर्जरी भी नहीं ला पाती रोशनी children eyes safety tips how to prevent eye injury

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Children’s Eyes safety Tips: आंखें भगवान का दिया सबसे कीमती उपहार है. यह ऐसा अंग है जो खराब हो जाए तो जीवन में अंधेरा छा जाता है. जब बुढ़ापे में नजर धुंधली भर होती है तो लोगों को तकलीफ झेलनी पड़ती है लेकिन अगर ये आंखें बचपन में ही खराब हो जाएं, रोशनी चली जाए तो बच्चों का पूरा जीवन खराब हो जाता है. दुर्भाग्य की बात है कि देश के सबसे बड़े आंखों के अस्पताल एम्स आरपी सेंटर नई दिल्ली में आजकल सैकड़ों बच्चे आंखें खराब होने या आंखों की रोशनी खोने की परेशानी के साथ पहुंच रहे हैं. टॉप आई स्पेशलिस्ट कहती हैं कि कई बार पुतली इतनी डैमेज हो जाती है कि सर्जरी से भी रोशनी वापस लाना संभव नहीं होता, लेकिन अगर कुछ चीजों का ध्यान रखा जाता तो इन केसेज को बहुत कम किया जा सकता था.
एम्स के आरपी सेंटर फॉर आम्प्थेल्मिक साइंसेज की चीफ डॉ. राधिका टंडन News18hindi से बातचीत में बताती हैं कि सेंटर में आने वाले अधिकांश बच्चे आंखों में इंजरी या चोट की समस्या के साथ आते हैं. इस इंजरी में बच्चों की आंखों में कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है. कई बार पुतली के साथ-साथ आंख का अन्य हिस्सा भी डैमेज हो जाता है और सर्जरी के बाद भी बच्चों की आंख की रोशनी लौटाना संभव नहीं होता.

नुकीली चीजें हैं खतरनाक 

उन्होंने बताया कि एम्स के आरपी सेंटर में देशभर से आने वाले ज्यादातर बच्चे आंख की चोट की वजह से होने वाली समस्याओं को लेकर आते हैं. बच्चों की आंखों में चोट लगने के पीछे 3 प्रमुख वजहें होती हैं, इन्हें बच्चों की आंखों की दुश्मन भी कह सकते हैं. पहला है किसी नुकीली चीज जैसे पैन, पैन्सिल, चाकू, कैंची या किसी नुकीले खिलोने से उनकी आंख में सीधे चोट लग जाए.

आंख में कैमिकल गिरना
दूसरे मामले आंखों में कैमिकल की वजह से चोट लगने के आते हैं. जैसे चूना का पैकेट अगर बच्चे के हाथ में आ जाए तो वह बच्चों की आंख में गिर जाए. घर में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स जैसे टॉयलेट साफ करने वाले सॉल्यूशन, फिनाइल या एसिड आदि आंख में गिर जाए तो उससे आंख घायल हो जाती है.

कुछ दूसरे प्रकार के कैमिकल्स भी होते हैं, जैसे होली के त्यौहार पर रंग, गुलाल, स्प्रे आदि में मिले रहने वाले कैमिकल्स भी आंखों के अंदर पहुंचकर चोट पहुंचाते हैं.

कई बार स्कूलों की लेबोरेटरीज में तमाम तरह के कैमिकल्स प्रयोगों के लिए रखे होते हैं लेकिन जब ये किसी प्रकार आंखों में गिर जाते हैं तो आंखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.

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बच्चों की आंखों में एलर्जी
तीसरी बड़ी चीज है, कई बार बच्चों की आंखों में सामान्य कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू की समस्या हो जाती है. एलर्जी के चलते आंखों में खुजली होती है और बच्चे उन्हें रगड़ते हैं, मसलते हैं या खुजलाते हैं. यह प्रक्रिया ज्यादा होने पर आंखें घायल होने लगती हैं. इतना ही नहीं कई बार आंखों के इलाज के लिए पेरेंट्स बिना डॉक्टर को दिखाए स्टेरॉइड दवाएं भी डालने लगते हैं और लंबे समय तक डालते हैं जिससे आंखों में संक्रमण और घाव होने लगते हैं और कई बार यह अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी भी पैदा कर देते हैं या आंख की पुतली को डैमेज कर सकते हैं.

पेरेंट्स को किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान
डॉ. राधिका टंडन कहती हैं कि घर में आप जो भी कैमिकल्स इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके प्रति बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है. पेरेंट्स को चाहिए कि अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो कैमिकल्स को उनकी पहुंच से दूर रखें. उनके हाथों में कोई भी नुकीली चीज जैसे कैंची, चाकू, नुकीले खिलोने जैसे तीर-कमान आदि न आने पाए क्योंकि बच्चों को इन चीजों की समझ नहीं होती है और अक्सर अस्पतालों में आने वाले केसेज में यही देखने को मिलता है कि वे गलती से इन चीजों को आंख में लगा लेते हैं. वहीं अगर छोटा बच्चा पैन या पेंसिल से पढ़ाई कर रहा है तो उस दौरान विशेष सावधानी बरतें. बच्चों की आंखों को बचाना पेरेंट्स की जिम्मेदारी है क्योंकि इलाज तो बाद में शुरू होता है. अगर इस प्रकार की चोटों को कम किया जा सके तो आंखों की परेशानियां खुद ब खुद कम होने लगेंगी.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-three-things-are-enemy-of-children-eyes-cornea-can-be-damaged-surgery-can-not-reverse-eye-sight-kids-eyes-safety-tips-by-doctor-ws-kl-9629177.html

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