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Health Tips: जिम की चमक या अखाड़े की मिट्टी, किससे बनेगी असली बॉडी? ट्रेनर से जान लीजिए फिटनेस का मंत्र

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Health Tips For Good Body: आधुनिकता के दौर में अखाड़ों की जगह जिम ने ले ली है. लोग अब अखाड़ों में पहलवानी और कुश्‍ती नहीं करते बल्कि जिम में जाकर घंटों पसीना बहाते हैं. मगर, असल में इन दोनों में से क्या बेस्ट है यह आज हम आपको बताने वाले हैं.

अलीगढ़: आज के दौर में फिटनेस एक जुनून बन चुका है. हर युवक चाहता है कि उसकी पर्सनलिटी मजबूत और आकर्षक दिखे, जिसके लिए वह अलग-अलग तरीके अपनाता है. आज के समय मे किसी को जिम का मॉडर्न माहौल पसंद आता है तो कोई अखाड़े की देसी मिट्टी से जुड़कर शरीर बनाने को बेहतर मानता है. जिम में जहां आधुनिक मशीनें, ट्रेनर और डाइट प्लान उपलब्ध रहते हैं. तो वहीं अखाड़ों में वर्षों से चली आ रही परंपरागत देसी कसरतें जैसे दंड-बैठक, लकड़ी के गदा और मिट्टी की कुश्ती शरीर को मजबूती देती हैं. दोनों तरीकों के अपने फायदे और सीमाएं हैं. मगर, इन दोनों तारीकों में से कौनसा जायदा सही तरीका है. चलिए आपको बताते हैं.

अलीगढ़ में मौजूद अखाड़े के ट्रेनर शहजाद खालीफा बताते हैं कि जिम में वर्कआउट करने से मसल्स को अलग-अलग एंगल से ट्रेन किया जा सकता है. मशीनों और वेट्स की मदद से खास मसल्स पर काम करना आसान हो जाता है. इसके साथ ही कार्डियो मशीनें हार्ट और फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं. वहीं दूसरी तरफ अखाड़े की कसरतें पूरे शरीर को एक साथ सक्रिय करती हैं. दंड-बैठक और गदा जैसी एक्सरसाइज शरीर की स्टेमिना, लचीलापन और ताकत बढ़ाती हैं. मिट्टी में पसीना बहाने से शरीर नैचुरली डिटॉक्स होता है और हड्डियां भी मजबूत होती हैं.

शहजाद खालीफा कहते हैं कि आज के युवा के सामने सवाल यह है कि आखिर किसे चुना जाए? जिम का आकर्षक और सुविधाजनक माहौल या अखाड़े की मिट्टी में पसीना बहाकर बनी रॉ पावर? हकीकत यह है कि दोनों तरीकों का उद्देश्य एक ही है शरीर को मजबूत और फिट बनाना. फर्क सिर्फ रास्तों का है. जो लोग मॉडर्न लाइफस्टाइल के हिसाब से फिटनेस चाहते हैं, उनके लिए जिम बेहतर विकल्प है. वहीं जो परंपरा, अनुशासन और देसी ताकत के साथ शरीर बनाना चाहते हैं, उनके लिए अखाड़ा अब भी सोने की खान साबित होता है.

उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि दोनों में से कौन सा ज्यादा बेहतर है तो तुलना की जाए तो अखाड़े को ज्यादा सही मानता हूं. यहां प्राकृतिक तरीके से बॉडी बनाई जाती है. इसमें खुली हवा, बिना प्रोटीन पॉडर के शुद्ध डाइट और देसी एक्सरसाइज शामिल है. इसलिए यह ज्यादा सही है.

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जिम की चमक या अखाड़े की मिट्टी, किससे बनेगी असली बॉडी? जान लीजिए फिटनेस मंत्र


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