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Health Tips: सड़क किनारे उगने वाला ये पेड़ है चलता फिरता दवाखाना! पत्तों से लेकर छाल तक इन बीमारियों में है फायदेमंद – Uttar Pradesh News

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Saptaparni Plant Benefits: हमारे आसपास कई ऐसे पौधे मिल जाते हैं जिन्हें लोग साधारण समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन इन्हीं में से कई पौधे औषधीय खजाना छिपाए होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है सप्तपर्ण या सप्तपर्णी (Saptaparni Plant), जिसे आयुर्वेद में विशेष महत्व दिया गया है. सप्तपर्णी एक ऐसा औषधीय पौधा है, जिसे आयुर्वेद में विशेष महत्व दिया गया है. यह एक बड़ा पेड़ होता है, जिसमें लंबी पत्तियां और सफेद फूल होते हैं. इसे आसानी से पार्कों, सड़कों के किनारे और खुले मैदानों में देखा जा सकता है. यह पौधा न केवल सुंदर दिखता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी भी है. इसके पत्तों, जड़ और छाल में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं और कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं.

सप्तपर्ण के औषधीय गुणों का उपयोग सदियों से किया जा रहा है. भारत में पाए जाने वाले औषधीय पौधों में यह एक प्रमुख स्थान रखता है. आयुर्वेद के अनुसार इसका नियमित उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं में राहत देता है और शरीर को मजबूत बनाता है.

किस बीमारियों में है लाभकारी
सप्तपर्ण का पौधा मलेरिया, बुखार, जुखाम, दाद, खाज, खुजली, पेट दर्द, दांत दर्द और टीबी जैसी समस्याओं में अत्यधिक लाभकारी है. इसके अलावा यह स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए दूध बढ़ाने का काम भी करता है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार इसके पत्तों, जड़ और छाल से तैयार काढ़ा या लेप कई बीमारियों में असरदार है.

ऐसे करें सप्तपर्णी का इस्तेमाल
जिला अस्पताल बाराबंकी के चिकित्सक डॉ अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन) ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि सप्तपर्ण में कई औषधीय गुण मौजूद हैं. मलेरिया, बुखार और जुखाम जैसी समस्याओं में इसकी दो से तीन पत्तियों और छाल का काढ़ा बनाकर चाय की तरह सेवन करना लाभकारी है.

त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे दाद, खाज और खुजली में पत्तियों और जड़ का लेप लगाने से राहत मिलती है. पेट दर्द और दांत दर्द में इसके पत्तों और छाल का अर्क या काढ़ा उपयोगी होता है. टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) में भी इसके पत्तों और छाल का अर्क पानी के साथ सेवन करने से रोगी को राहत मिलती है, लेकिन यह गंभीर उपचार का विकल्प नहीं है और डॉक्टर की सलाह जरूरी है.
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डॉ वर्मा ने बताया कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माताएं इसके पत्तों, छाल और जड़ का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकती हैं, जिससे दूध की मात्रा बढ़ती है. हालांकि, जो लोग पुरानी या गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें इसका उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
सप्तपर्णी का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि किसी भी गंभीर या पुरानी बीमारी में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें. यह केवल सामान्य स्वास्थ्य और छोटे-मोटे रोगों के लिए लाभकारी है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-saptaparni-plant-benefits-medicinal-uses-health-remedies-for-malaria-fever-skin-dental-pain-local18-9567315.html

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